भारतीय वायुसेना मे शामिल हुए राफेल

सर्वधर्म पूजा के बाद दिखाई अपनी ताकत, फ्रांस की रक्षामंत्री भी रही मौजूद


नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी तनातनी के बीच आज यानी भारतीय वायुसेना को उसका बाहुबली मिल गया और इस तरह से भारत की ताकत में और इजाफा हो गया। फ्रांस से खरीदे गए पांच राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए। अंबाला एयरबेस पर राफेल के इंडक्शन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली भी मौजूद रहीं। सर्वधर्म पूजा के साथ ही आसमान में दुश्मनों को अपनी ताकत दिखाकर बाहुबली राफेल भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया। राजनाथ ङ्क्षसह और फ्रांस की रक्षामंत्री की मौजूदगी में सुबह दस बजे राफेल का भारतीय वायुसेना में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले सर्वधर्म पूजा की गई, जिसके बाद फ्लाईपास्ट किया गया। फ्लापास्ट के दौरान राफेल ने हर तरह से दुश्मनों को अपनी ताकत का एहसास कराया। राफेल ने दिखाया कि न सिर्फ वह काफी स्पीड में उड़ान भर कर दुश्मनों पर टूट सकता है, बल्कि कम स्पीड में भी वह उड़ान भर सकता है।
चीन और पाकिस्तान को मात देने की पूरी क्षमता
फ्लाईपास्ट के दौरान राफेल के साथ आसमान में तेजस, सुखोई भी उड़ान भरते दिखे। हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में यह विमान वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा बन गया। अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही भारतीय वायु सेना के लिए इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की ताकत रखने वाला राफेल इसी दिन उसके लड़ाकू विमानों के बेड़े की शान बन गया। पाकिस्तान और चीन के साथ तनाव के मद्देनजर राफेल की मौजूदगी अब और भी अहम हो गई है। क्योंकि राफेल में चीन और पाकिस्तान को मात देने की पूरी क्षमता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि वायुसेना में राफेल का शामिल होना एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण है। राफेल का वायुसेना के बेड़े में शामिल होना भारत और फ्रांस के बीच के प्रगाढ़ संबंधो को दर्शाता है। भारत और फ्रांस लंबे समय से आॢथक, सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदार रहे हैं। मजबूत लोकतंत्र के प्रति हमारी आस्था और सम्पूर्ण विश्व में शांति की कामना, हमारे आपसी संबंधो के आधार हैं।
हम दोनों देशों के लिए एक उपलब्धि: फ्लोरेंस पार्ली
वायु सेना के लिए तुरूप का इक्का माने जाने वाले पांच राफेल विमानों की पहली खेप २७ जुलाई को ही भारत आयी थी। वायु सेना ने ५९ हजार करोड़ रूपये की लागत से फ्रांस से ३६ राफेल लड़ाकू विमान खरीद का सौदा किया है। चार और राफेल विमानों की अगली खेप के अक्टूबर में आने की संभावना है। पाकिस्तान का एफ-१६ राफेल के सामने कुछ भी नहीं है। राफेल के सामने पाकिस्तान को अपने दो-तीन एफ-१६ लड़ाकू विमान लगाने पड़ेंगे। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वायु सेना के बेड़े में राफेल विमानों को शामिल किया जाना भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसी दक्षता और बेजोड़ इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली वाला विमान पड़ोस में किसी भी देश के पास नहीं है। इसके अलावा, चीन के लड़ाकू विमान जे-२० से भी राफेल काफी आगे है। रक्षा विशेषज्ञ लक्ष्मण बेहेरा ने कहा कि इसकी तुलना राफेल से नहीं की जा सकती क्योंकि फ्रांस निर्मित राफेल विमान चीनी लड़ाकू विमान की तुलना में ज्यादा दक्ष है।
रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए हस्ताक्षर
भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा सचिव अजय कुमार और जापानी राजदूत सुजुकी सतोशी ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। अधिकारी ने बताया कि इस समझौते में निकट सहयोग के लिए रूपरेखा बनाने, सूचना के आदान-प्रदान और दोनों देशों के सश बलों द्वारा एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं के इस्तेमाल की बात की गई है। उन्होंने कहा, यह समझौता भारत और जापान के सश बलों के बीच द्विपक्षीय प्रशिक्षण गतिविधियों के साथ ही सेवाओं और आपूर्ति के आदान-प्रदान के लिए निकट सहयोग की रूपरेखा को सक्षम बनाता है।

 

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *