भाजपा ने रची ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश
कांग्रेस ने लगाये गंभीर आरोप, कहा-सरकार ने न्यायालय मे नहीं की पैरवी
बांधवभूमि, उमरिया
कांग्रेस ने भाजपा तथा राज्य सरकार पर ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि अगर राज्य सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट मे सही तरीके से पक्ष रखती तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे ओबीसी आरक्षण पर रोकने लगने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से बचा जा सकता था। मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार की इसी लापरवाही के कारण माननीय न्यायालय ने अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त कर चुनाव कराने का निर्देश दिया है। प्रेसवार्ता मे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा, प्रवक्ता अशोक गौंटिया, रघुनाथ सोनी आदि कांग्रेस नेता उपस्थित थे।
संघ के एजेण्डे पर हो रहा काम
पूर्व विधायक श्री सिंह ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के मामले का हवाला देते हुए मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव मे ओबीसी को मिलने वाला आरक्षण निरस्त कर दिया और सरकार के वकील मौन रह कर घटनाक्रम को देखते रहे। इससे साबित होता है भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस की सोच हमेशा से आरक्षण को समाप्त करने की रही है। इससे पहले सरसंघ चालक श्री मोहन भागवत भी ओबीसी आरक्षण पर विचार करने की बात कह चुके हैं। राज्य सरकार इसी एजेण्डे पर काम कर रही है।
पिछडे वर्ग को पहुंचा धक्का
कांग्रेस का मानना है कि आरक्षण निरस्त होने के फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को गहरा धक्का पहुंचा है। अपने षडय़ंत्र, गलतियों और अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी चरित्र को छुपाने के लिए बीजेपी उलटे कांग्रेस पर ही झूठे इल्जाम लगा रही है। पार्टी महासचिव अजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव को लेकर कांगेस पार्टी माननीय सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट मे नही गई थी। इस बात को कांग्रेस पार्टी ने 6 दिसंबर को प्रदेश मुख्यालय मे आयोजित पत्रकार वार्ता मे स्पष्ट कर दिया था। कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ ग्राम पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के असवैधानिक पक्षों का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य निर्वाचन आयोग से यही बात कही है कि चुनाव मे संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया जाए।
रोटेशन प्रणाली पर सवाल
माननीय उच्चतम न्यायालय मे पक्षकारों ने रोटेशन प्रणाली पर सवाल उठाया था जो कि ओबीसी आरक्षण से भिन्न विषय है। इस विषय को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता सरासर झूठ बोल रहे है। जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला सुनाया तो यह मध्यप्रदेश सरकार की जिम्मेदारी थी कि वह आरक्षण के समर्थन मे उचित तर्क माननीय न्यायालय मे पेश करती। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार के वकीलों ने जानबूझकर अदालत मे ऐसा नहीं किया। यह एक सुनियोजित षडय़ंत्र है।
भाजपा ने रची ओबीसी आरक्षण खत्म करने की साजिश
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