बड़े भाई पर दगाबाजी का आरोप लगाकर कारोबारी ने की खुदकुशी

  • बांधवभूमि, झांसी 
  • शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी अजीत गोयल उर्फ बंटू ने बीती रात अपने घर मे फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली। मृतक ने जान देने से पहले दो पन्नो का सुसाइड नोट रख छोड़ा है, जिसमे उनके द्वारा अपने बड़े भाई पर दगाबाजी का आरोप लगाते हुए पत्नी और बेटी को न्याय दिलाने की मांग की गई है। नोट में बंटू ने अपनी मौत का जिम्मेदार बड़े भाई अनिल गोयल, उनकी पत्नी और भतीजे को ठहराया है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
कोतवाली के आंतिया तालाब लोहा मंडी निवासी अजीत गोयल उर्फ बंटू (52) की महानगर में प्रतिष्ठित कारोबारियों में गिनती होती थी। आंतिया ताल के ठीक बगल में उनका गोयल हाउस नाम से मार्बल और टाइल्स का बड़ा शोरूम है। उनके बड़े भाई की दुकान भी पास में है। परिजनों का कहना है कि दोनों भाइयों के बीच पिछले काफी समय से दुकान, घर समेत अन्य संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था।
वसीयत के आधार पर अजीत के भाई ने सारी संपत्ति अपने नाम करा ली थी। अजीत के ऊपर दुकान एवं घर खाली कराने का दबाव बनाया जा रहा था। अजीत ने वसीयत को फर्जी ठहराते हुए मुकदमा दायर किया था, लेकिन पिछले दिनों कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी। मुकदमा हारने से अजीत परेशान रहने लगे।

सोमवार शाम उनकी पत्नी मऊरानीपुर स्थित अपने मायके गई थीं। रात में अजीत ने घर में फांसी लगा ली। रात में पत्नी घर लौटीं। उन्होंने दरवाजा खोलने के लिए आवाज लगाई, लेकिन बंटू अपने कमरे से बाहर नहीं निकले। काफी देर तक आवाज लगाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने पहुंचकर दरवाजा तोड़ा। अंदर अजीत फांसी पर लटक रहे थे। पुलिस ने शव को नीचे उतारकर कब्जे में ले लिया। कोतवाल संजय गुप्ता के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।

मार्बल कारोबारी अजीत गोयल ने आत्मघाती कदम उठाने से ठीक पहले दो पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था। सुसाइड नोट में उन्होंने अपने बड़े भाई पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए पत्नी और बेटियों को न्याय दिलाने की मांग की। सुसाइड नोट में अजीत ने लिखा कि बड़ा भाई अनिल, उसकी पत्नी वीना, भतीजा प्रिंस तीनों बेईमान हो गए। पिता रमेश गोयल की कोविड से दो साल पहले मौत हो गई थी। जब उसने पिता की मौत की सूचना भाई अनिल को फोन करके दी तो उसने अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया।
अनिल पिता के अंतिम संस्कार में न आकर अपने पिता के घर पर पहुंच गया और वहां से साले की मदद से घर में रखा 50 किलो सोना और 10 क्विंटल चांदी (करीब 30 करोड़) हड़प लिया। पिता रमेश बरुआसागर में जेवर गिरवी रखने एवं ब्याज पर पैसा देने का काम करते थे। यह पूरा हिसाब-किताब रजिस्टर में रहता था। यह रजिस्टर भी भाई ने धोखा देकर अपने पास रख लिया।
इसके अलावा नकली वसीयत तैयार करके उनको पूरी संपत्ति से बेदखल कर दिया। जब उनको इसका पता चला तब उन्होंने कोर्ट में अपील दाखिल की लेकिन, इस अपील को कोर्ट ने कुछ दिनों पहले ही खारिज कर दिया। इससे अजीत मानसिक तौर पर काफी परेशान हो गए। परिजनों का कहना है अपील खारिज होने के बाद उनके ऊपर घर एवं दुकान भी तत्काल खाली करने का दबाव बनाया जा रहा था। अपने सुसाइड नोट में कारोबारी ने अपने रिश्तेदारों, नातेदारों एवं अन्य जानने वालों से पत्नी एवं बेटियों को न्याय दिलाने की गुहार लगाई।
कारोबारी की मौत के बाद घर पर लगा जमावड़ा
कारोबारी की मौत की सूचना मंगलवार सुबह शहर के लोगों को लगी। थोड़ी ही देर में उनके घर पर बड़ी संख्या में शहर के लोग जमा हो गए। सभी अजीत के इस कदम से हतप्रभ दिखाई पड़ रहे थे। कारोबारियों का कहना है कि अजीत अक्सर अपने साथ हुए धोखेबाजी की बात करते थे लेकिन, यह आत्मघाती कदम उठा लेेंगे इसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। अजीत की मौत के बाद उनके पड़ोस में रहने वाले भाई के घर में भी ताला लगा हुआ दिखाई पड़ा। कोई भी उनके बारे में कुछ बता नहीं पा रहे थे।
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