केन्द्र सरकार ने दी जानकारी, दूसरी लहर मे आये 40 हजार 845 मामले
नई दिल्ली। हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर ने काफी आतंक मचाया था। एक दिन में रिकॉर्ड मामले सामने आने के अलावा कई लोगों की जान तक चली गई। वहीं, लोग जब कोरोना से ठीक हुए तो उनके ऊपर ब्लैक फंगस का खतरा मंडराने लगा। कई लोगों की जान कोविड के बाद ब्लैक फंगस की वजह से चली गई। केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि कोरोना की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के ४० हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इससे पहले मिलने वाले ब्लैक फंगस के मामलों की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, दूसरी लहर के ब्लैक फंगस के देश में कुल ४०,८४५ मामले मिले हैं, जिसमें से ३१,३४४ केस रहिनो सेरेब्रल नेचर के हैं। ब्लैक फंगस से मरने वालों की संख्या ३,१२९ हो गई है। ३४,९४० मरीजों को कोविड-१९ था, जबकि २६,१८७ मरीजों को डायबिटीज था। इसके अलावा, २१,५२३ ऐसे मरीज भी मिले, जिन्होंने स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया था। १३,०८३ मरीज १८-४५ आयु वर्ग के थे। १७,४६४ लोगों की उम्र ४५-६० साल के बीच में थी, जबकि १०,०८२ लोग बुजुर्ग थे और उनकी उम्र ६० से अधिक थी।
अगस्त से १२ से १८ साल के बच्चों का होगा टीकाकरण
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट के बीच खुशखबरी है। १२-१८ साल के बच्चों को जायडस कैडिला का टीका अगस्त से लगाया जा सकेगा। इसका परीक्षण जुलाई के आखिर तक समाप्त हो जाएगा। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने यह जानकारी देते हुए कहा, देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी थमी भी नहीं है और इस बीच वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप का खौफ बन गया। डेल्टा प्लस वैरिएंट अन्य की तुलना में फेफड़ों के ऊतकों को ज्यादा प्रभावित करेगा। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इससे बीमारी और गंभीर होगी और तेजी से फैलेगी। डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बनेगा, यह अनुमान लगाना या कुछ भी कहना बहुत कठिन है। हम दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित रहे हैं और यह अब भी जारी है।
देश में कम तापमान वाले कोविड टीकों के भंडारण की पर्याप्त क्षमता
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को देश में उन कोविड-१९ टीकों के भंडारण की भी पर्याप्त क्षमता होने की जानकारी दी है, जिन्हें रखने के लिए बेहद कम तापमान की आवश्यकता होती है। सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि इन कोरोना टीकों को माइनस १५ से २० डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है और देश में इसके लिए २९००० कोल्ड चेन प्वॉइंट्स (सीसीपी) मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट कोविड-१९ महामारी के दौरान आवश्यक सप्लाई के वितरण और सेवाओं के सिलसिले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में शनिवार को दाखिल हलफनामे में कहा कि फिलहाल दो कोरोना टीके कोविशील्ड और कोवॉक्सिन उपलब्ध हैं, जिन्हें स्टोर करने के लिए २ से ८ डिग्री सेल्सियस तक के तापमान वाली जगह की आवश्यकता होती है। केंद्र ने कहा कि भविष्य में अन्य कोरोना टीकों के आने पर कोल्ड स्टोरेज की इस क्षमता को बदला जा सकता है। टीका उपलब्ध होने पर उचित कदम उठाने के लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है।