कांग्रेस ने बैंक कर्मचारियों की मांग का समर्थन करते हुए संसद मे मसले को उठाया
नई दिल्ली। कुछ सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण और विलय के खिलाफ सरकारी बैंक के लाखों कर्मचारियों मंगलवार को खत्म दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने संसद में इस मसले को उठाया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कुछ सरकारी बैंकों के निजीकरण की योजना उन्हें मज़बूत बनाने के लिए की गई है। इस प्रक्रिया के दौरान सरकार सभी कर्मचारियों के हितों को सुरक्षित रखेगी।
राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकारी बैंकों के निजीकरण का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से सरकारी बैंकों के करीब 13 लाख कर्मचारी असुरक्षित हो गए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में मीडिया से कहा कि आज 13 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं। 17 तारीख को जनरल इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी हड़ताल करेंगे। 18 मार्च को एलआईसी के कर्मचारी हड़ताल करने वाले हैं। भारत सरकार लाखों बैंक कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने और उनसे बात करने के लिए तैयार नहीं है। इन बैंकों के निजीकरण के फैसले से इन कर्मचारियों में असुरक्षा की आशंका बढ़ी है। सरकार की गलत नीतियों की वजह से कर्मचारी तनावग्रस्त और नाराज हैं।
कांग्रेस सांसदों ने LIC के प्रस्तावित निजीकरण का भी विरोध किया है। कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल नेएक समाचार चैनल से कहा, “कांग्रेस पार्टी एलआईसी के निजीकरण के खिलाफ है। LIC को खत्म करने की साजिश चल रही है, जो गलत कदम है और हम इसका विरोध करते हैं। केंद्र सरकार को एलआईसी के निजीकरण की जगह उससे और सशक्त करने की पहल करनी चाहिए।
बैंकों के 13 लाख कर्मचारी असुरक्षित
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