बेहतर है बाघिन की स्थिति

बेहतर है बाघिन की स्थिति
इलाज के बाद इन्क्लोजर मे रखी गई टी-66, डाक्टर कर रहे निगरानी
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के पनपथा परिक्षेत्र से रेस्क्यू कर बहेरहा लाई गई बाघिन की हालत अब बेहतर है। पार्क के डाक्टरों की निगरानी मे विभागीय अमला उसकी सघन देखरेख कर रहा है। उप संचालक लवित भारती के अनुसार मादा बाघ के स्वास्थ मे सुधार देखा गया है। गौरतलब है कि टी-66 बाघिन का गत दिवस सफलतापूर्वक इलाज किया गया था। कुछ दिन पहले उद्यान के पनपथा बफर परिक्षेत्र तथा खितौली कोर इलाके मे इस मादा बाघ के घायल होने की सूचना मिली थी। बाघिन के दाहिने पैर मे गंभीर चोट थी और वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। जिस पर हाथियों एवं कर्मचारियों द्वारा लगातार नजर रखी जा रही थी। स्वास्थ्य मे सुधार न होने पर प्रबंधन द्वारा उसका रेस्क्यू कर इलाज करने का निर्णय लिया गया। इस संबंध में सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त की गई।
ट्रैंक्यूलाईज कर किया ऑपरेशन
उप संचालक श्री भारती ने बताया कि घायल मादा बाघ के खितौली परिक्षेत्र के कक्ष,ं आरएफ 501 मे होने की सूचना पर गठित विशेष रेस्क्यू टीम हाथियों एवं कर्मचारियों के सांथ मौके पर पहुंची। सबसे पहले बाघ को निस्तेज किया गया। इसके उपरांत दाहिने पैर मे मौजूद गंभीर चोट का ऑपरेशन देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय जबलपुर की संचालक डॉ. शोभा जांवरे, डॉ. अमोल, डॉ. सोमेस एवं डॉ. नितिन गुप्ता सहायक शल्यज्ञ द्वारा किया गया। मादा बाघ को आवजर्वेशन हेतु बहेरहा इन्क्लोजर मे रखा गया है।
ये भी रहे उपस्थित
इस कार्यवाही के दौरान उद्यान के उप संचालक लवित भारती, उप वन मण्डल अधिकारी पनपथा स्वरूप दीक्षित, धमोखर सुधीर मिश्रा, अभिषेक तिवारी, सहायक संचालक ताला वीरेन्द्र ज्योतिषी, रंजन सिंह परिहार, स्वस्तीश्री जैन सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

 

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