जबलपुर। जबलपुर. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने यहां कहा कि आदिवासियों से उनकी भूमि छिनी जा रही है उन्हें भूमहीन करने की साजिश रची जा रहा है और शिवराज सिंह है कि झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं। उन्होंने आव्हान किया कि आदिवासी नौजवानों को हक की लड़ाई लड़नी होगी। वे यहां जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय के स्टेडियाम में आदिवासी सबरी महासंघ द्वारा आयोजित आदिवासी महानायक बिरसा मुंडा जयंती पखवाड़े के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिहं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांती लाल भूरिया, विधायक लखन घनघोरिया, तरूण भनोत और कार्यक्रम के आयोजक पूर्व मंत्री सुश्री कौशल्या गोंटिया भी मौजूद रहीं। समारोह को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि आज अमर शहीद बिरसा मुंडा को याद कर रहे हैं। २५ साल की उम्र में उन्होंने आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी। बंधुआ मजदूरों, शोषित की लड़ाई लड़ी। इतनी कम उम्र में समाज सेवा से जो नाम कमाया, उसे हम १४६ साल बाद भी याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम संकल्प लेते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो सबसे अधिक प्राथमिकता आदिवासी समाज को देंगे। कमलनाथ ने आगे नई पीढ़ी में आदिवासियों का भविष्य कैसे सुरक्षित किया जाता है इस पर सबसे ज्यादा काम कांग्रेस सरकार ने किया। इसके पहले कमलनाथ,दिग्विजय िंसह और विवेक तन्खा सहित अन्य नेताओ ने अधारताल तिराहे पर स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
सीएम पर साधा निशाना
हमारे सीएम सिर्फ आदिवासियों के नाम पर योजनाएं गिनाते हैं। वे इतना झूठ बोलते हैं कि झूठ भी शरमा जाए। पूर्व सीएम ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी समाज की आबादी १.६५ करोड़ है। ऐसे में बिना आदिवासी समाज को आगे बढ़ाए, प्रदेश का विकास संभव नहीं है। पर बीजेपी आदिवासियों को उनका हक नहीं देना चाहती है। आज भी आदिवासियों को अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है। आदिवासी नौजवानों का भविष्य अंधेरे में है। आज अचानक १८ साल बाद सीएम को बिरसा मुंडा जयंती मनाने की याद आई। उनके यहां कार्यक्रम आयोजित करने के लिए ठेका दिया जाता है। ठेकेदार से कहते हैं कि मंच सजा दो, कुर्सी लगा दो। जिले में बस लगाकर लोगों को पकड़-पकड़ कर बुला लो। ये भीड़ जुटाकर सिर्फ हमारे आदिवासी समाज के भोले-भाले लोगों को बरगलाने का काम ये सरकार करती है।
बीजेपी ने आदिवासियों का हक मारा : दिग्विजय
जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय के जवाहर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह ने भी संबोधित किया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विज सिंह ने कहा कि जनपद, जिला परिषद, नगर निगम को शिक्षक भर्ती के अधिकार दिए गए थे। स्थानीय लोगों को नौकरी मिले, शिक्षाकर्मी, गुरुजी की नौकरी मिले। हमारा नियम था कि स्थानीय लोगों को नौकरी मिले। इस नियम को खत्म कर पंचायतों के अधिकार छीन लिए। जिला सरकार खत्म कर दी। इनके अधिकार छीनकर लूटने वालों को दे दिए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सांसद निधि को कोरोना का बहाना बनाकर बंद कर दिया, देश में अनाधिकार से एक वर्ग वो है जो लूटा जाता है और एक वर्ग वह है जो इन लोगों को लूटता हैं। इस विचारधारा का संघर्ष आज देश में चल रहा हैं। कांग्रेस ने आरक्षण देकर आदिवासियों को समाज में बराबरी का हक देने का काम किया और हजारों साल से शोषण व पीड़ा से आदिवासियों को बाहर निकाला उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो उन्होंने साढ़े तीन लाख आदिवासियों का हक मार दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर शहीद महानायक बिरसा मुंडा ने भी ब्रिटिश हुकुमत और जमीदारों के खिलाफ संघर्ष कर समाज को जागृत किया। आज भी जो व्यवस्था के खिलाफ सिस्टम के खिलाफ संघर्ष करेगा वहीं जीतेगा।
बिरसा मुडा सभागृह के लिये तन्खा देंगे 50 लाख
राज्यसभा सदस्य विवेक कृष्ण तन्खा ने बिरसा मुंडा सभागृह के लिए ५० लाख देने की घोषणा की। तन्खा ने कहा कि आदिवासियों को जाति प्रमाण पत्र बनना चाहिए। इसके लिए वह कोर्ट की शरण लेंगे। जरूरी हुआ तो राज्यपाल से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।
ये रहे मौजूद
इस दौरान नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव, पूर्व मंत्री कौशल्या गोंटिया, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, तरूण भनोत, विधायक विनय सक्सेना, कांग्रेस के निवास विधायक डॉ.मर्सकोले के अलावा जनजातीय समाज के प्रमुख नेता और विंध्य व महाकौशल के विधायक, मोहम्मद कदीर सोनी, जगत बहादुर सिंह अन्नू, राधेश्याम चौबे,वीरेन्द्र चौबे,ंसंगीता सिंह,नन्हेलाल धुर्वे के अलावा आदिवसी सबरी महासंघ के अध्यक्ष रोशन लाल कोल, पूर्व अध्यक्ष वुंâजीलाल गोंटिया, सह सचिव भैया लाल गोंटिया, जेठू लाल गोंटिया, मगन भूमिया, सुमित्रा गोंटिया, जितेन्द्र गोंटिया, शिवकुमार गोंटिया, लल्लू गोंटिया, बलवीर गोंटिया, बाल्मिकी कोल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस जन एवं आमजन उपस्थित रहे।
बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी:कमलनाथ
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