बारिश से भीग गई 2 लाख क्विंटल धान
तमाशा देखते रहे सोसायटियों के प्रबंधक, समय रहते नहीं किये इंतजाम
बांधवभूमि, उमरिया
जिले मे शनिवार की रात से हो रही बारिश के कारण उपार्जन केन्द्रों के बाहर रखी हजारों क्विंटल धान भीग गई है। इससे उन किसानो को भी काफी नुकसान हुआ है जिनकी फसल उपार्जन के लिये वहां रखी हुई है। एक जानकारी के मुताबिक करीब 2 लाख टन धान अभी भी जिले के विभिन्न केन्द्रों मे उपार्जित हो कर पड़ी हुई है, जिसका परिवहन नहीं हो सका है। केन्द्रों मे ना तो शेड की व्यवस्था है और ना ही तिरपाल की। नतीजतन रविवार को दिन भर हुई बारिश से करोड़ों रूपये की धान तबाह होती रही और जिम्मेदार तमाशा देखते रहे। इस संबंध मे डीएम नान का कहना है कि उनके द्वारा सोसायटियों के प्रबंधकों से धान की सुरक्षा के लिये समय रहते इंतजाम करने को कहा था परंतु उन्होने कोई व्यवस्था नहीं की। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही जिले मे ओलावृष्टि और बरसात हुई थी, इस दौरान भी बड़ी मात्रा मे धान के बर्बादी की सूचना मिली थी परंतु इससे ना तो नान ने और नां ही समितियों ने कोई सीख ली। कुल मिला कर घोर लापरवाही के चलते शासन को न सिर्फ करोड़ों रूपये की चपत लगी है, बल्कि किसानो को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सवाल उठता है कि इस नुकसान के लिये किसकी जिम्मेदारी तय होगी और आगे बचाव के लिये कब तथा क्या प्रबंध किये जायेंगे।
तो गोदाम मे अंकुरित हो जायेगी धान
जानकारों का मानना है कि पिछले 15 दिनो से नान द्वारा भीगी धान गोदामो मे ठूंसी जा रही है। गीले अनाज का भण्डारण करने से कुछ ही दिन मे यह बोरों मे ही अंकुरित होना शुरू कर देगी। सांथ ही इसमे सड़ांध पैदा होगी। फिर यह मिलिंग के लिये भेजी जायेगी। जिसके घटिया चावल का इस्तेमाल जिले के राशन की दुकानो के जरिये गरीबों, आगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों मे मध्यान्ह भोजन मे किया जायेगा। इससे कितने लोगों की सेहत से खिलवाड़ होगा, नुकसान
15 जनवरी तक होना है उपार्जन
उल्लेखनीय है कि जिले मे इस वर्ष 9 लाख टन खरीफ फसल के उपार्जन का लक्ष्य तय किया गया था। जिसमे से अब तक 6.11 लाख टन का उपार्जन हो सका है। घोषित कार्यक्रम के मुताबिक यह कार्य आगामी 15 जनवरी को समाप्त हो जायेगा। मतलब सोसायटियों को अब मात्र 5 दिनो मे 2.89 हजार टन की खरीद करनी है।
कलेक्टर ने जताई थी नाराजगी
जिले के खरीद केन्दों से उपार्जित धान का परिवहन बेहद धीमी गति से हो रहा है। जिस पर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए काम मे तेजी लाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये थे परंतु इसका कोई खास असर नहीं हुआ। बताया गया है कि अब तक खरीदी गई 6 लाख क्विंटल धान मे से सिर्फ 4 लाख को ही गोदामो तक पहुंचाया जा चुका है। शेष अभी भी बाहर पड़ी भीग रही है।
बारिश का दौर जारी
जिले मे शनिवार को आसमान पर छाए हुए बादल आधी रात के बाद बरसने लगे। हालांकि बारिश बहुत तेज नहीं हुई और रिमझिम बरसात सुबह तक होती रही। सुबह 5 बजे के आसपास बारिश थम गई लेकिन तब तक सड़कें पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। 8 बजे के आसपास फिर बूंदाबांदी शुरू हुई जो निरंतर जारी है।