उमरिया। वर्षा काल मे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सुरक्षा व्यवस्था को और चाक-चौबंद किया जाएगा। बांधवगढ़ के जंगल के अंदर चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाए इसकी व्यवस्था की जाएगी। ऐसा इसलिए आवश्यक है क्योंकि वर्षा काल के दौरान जंगल के अंदर पर्यटन बंद रहेगा और लोगों को आना जाना पूरी तरह से बंद हो जाएगा। ऐसे में शिकारियों के जंगल के अंदर घुसने की आशंका बढ़ जाती है।
बढ़ जाता है खतरा
खाली जंगल के अंदर शिकारी ना घुस सके इसके लिए जंगल के चारों तरफ से गांव और उन संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रखी जाएगी जहां से कोई भी जंगल के अंदर घुस सकता है। दरअसल बारिश के दिनों मे जंगल के अंदर शिकारियों के घुसने का खतरा बना रहता है। यही कारण है कि इन दिनों ज्यादा सतर्कता बरतनी होती है। इस तरह का ज्यादा खतरा कटनी जिले से लगे पार्क के हिस्से मे ज्यादा रहता है।
डेरा डालने वालों पर नजर
जानकारी मिली है कि जो लोग डेरा डालकर रहते हैं वे ही अक्सर शिकार की घटना को अंजाम देते हैं। ऐसे लोगों पर खासतौर से नजर रखी जा रही है। पता चला है कि कटनी जिले के हिस्से मे कुछ बाहरी लोग डेरा डाले हुए हैं जो मसाला पीसने वाले पत्थर और दवाइयां बेचने का काम करते हैं। इनमें ऐसे लोग भी हैं जो तमाशा दिखाते हैं। पहले भी कई बार ऐसे ही लोगों के कारण शिकार की घटनाएं हो चुकी है।
लगातार गश्त
बारिश के मौसम मे लगातार गश्त होती रहे इसकी प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए पार्क मे काम करने वाले पांच सौ से ज्यादा सुरक्षा श्रमिकों, सभी रेंज के रेंजर, डिप्टी रेंजर, बीटगार्ड और अन्य कर्मचारियों के अलावा जंगल से सटे गांव के ग्रामीणों को भी अलर्ट किया जा रहा है। जंगल से सटे गांव मे रहने वाले बहुत से ग्रामीण कई बार ऐसी सूचनाएं दे देते हैं जिससे बड़ी घटना होने से टल जाती है। यही कारण है कि ग्रामीणों को भी वन विभाग के अधिकारी अपने गोपनीय तंत्र का अहम हिस्सा मानते हैं।
बांधवगढ़ मे मानसून अलर्ट, बढ़ाई जाएगी सुरक्षा, चप्पे-चप्पे पर रहेगी नजर
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