बीमारी के बाद हुआ निधन, पार्क अमले ने दी श्रद्धांजली
उमरिया। जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की मशहूर और वयोवृद्ध हथिनी तूफान की मृत्यु हो गई है। तूफान की तबियत पिछले कुछ दिनो से नासाज चल रही थी, जिसका इलाज वन्य जीव पशु शल्यज्ञ डॉ नितिन गुप्ता द्वारा किया जा रहा था। उद्यान के मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक विसेंट रहीम ने बताया कि बुजुर्ग हथिनी गत 2 फ रवरी 2021 को रात्रि 8.30 बजे कल्लवाह परिक्षेत्र स्थित जनाड़ हाथी कैंप के समीप नाले से पानी पीने गई थी और वहीं पर बैठ गई। थोड़ी ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसकी मौत से उद्यान मे शोक व्याप्त है। तूफान के मृत्यु की सूचना मिलने पर क्षेत्र संचालक बांधवगढ़ श्री रहीम द्वारा डॉ नितिन गुप्ता, डॉ अभय सेंगर (संजय टाइगर रिजर्व) एवं डॉ हिमांशु, पशु चिकित्सक, वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट का दल गठित कर 3 फरवरी को एनटीसीए के प्रतिनिधि सत्येन्द्र तिवारी की उपस्थिति मे शव परीक्षण करवाया गया। इसके पश्चात मृत हथिनी को गहरा गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। इस मौके पर उपस्थित अमले ने तूफान को श्रद्धांजली अर्पित की।
कई अभियानो मे लिया था हिस्सा
बताया गया है कि नेशनल पार्क के अनेक रेस्क्यू अभियानो का हिस्सा रही तूफान को उसकी वृद्धावस्था के कारण गत वर्ष सेवानिवृत्त किया गया था और उसका उपयोग गश्त मे नहीं किया जा रहा था। इसके अलावा उसने कान्हा और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मे भी सेवाएं दी थीं। तूफान की एक संतान वनराज को नौरादेही अभ्यारण्य भेजा गया था और जबकि एक अष्टम बांधवगढ़ मे ही है। कुछ दिन पहले तूफान पर कुंभी कछार कैंप में जंगली हाथियों ने हमला कर घायल कर दिया था। उसकी मृत्यु के साथ अब बांधवगढ़ मे 14 हाथी ही शेष रह गये हैं।
बांधवगढ़ की बुजुर्ग मादा हाथी की मौत
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