बहनो को मिलेगा रक्षा का वरदान
प्रेम, विश्वास और सद्भावना का प्रतीक पावन पर्व रक्षाबंधन आज
उमरिया। भाई-बहन के स्नेह एवं सद्भावना का प्रतीक पावन पर्व रक्षाबंधन आज 22 अगस्त रविवार को जिले भर मे उल्लास के सांथ धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन सभी बहनें अपने भैया की कलाईयों पर राखी बांधेंगी तो भाई उन्हे ताउम्र रक्षा का वरदान देंगे। रक्षाबंधन के त्यौहार का इंतजार हर बहन को होता है। इस मौके पर बहने अपनी व्यवस्तता मे से समय निकाल कर मीलों दूर अपने भाईयों के घर पहुंंच कर उन्हे राखी बांधती हैं। हलांकि बीते दो वर्षो से कोरोना महामारी के कहर का असर इस पर्व पर भी पड़ा है, परंतु इस वर्ष रक्षाबंधन को लेकर बाजारों मे काफी चहल-पहल और उत्साह दिखाई पड़ रहा है। ट्रेनो, बसों और टेक्सियों मे भीड़ बढ़ गई है। कई बहने दो पहिया वाहनो पर भी मायके का रूख कर रही हैं।
बाजार में रही चहल-पहल
रक्षाबंधन पर्व के एक दिन पूर्व रविवार को बाजार ग्रांहकों से गुलजार रहे। विशेषकर राखियों, मिठाईयों, कपड़ा और किराने की दुकानो पर भारी भीड़ उमड़ी। बहनों ने अपनी पसंद के अनुसार भाइयों की कलाई सजाने के लिए राखियां खरीदीं। वहीं भाई भी बहन के लिए सरप्राइज गिफ्ट खोजते दिखे।
मेंहदी लगवाने की रही होड़
रक्षाबंधन के त्यौहार पर बहनों ने सजने संवरने में भी कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। बाजार में मेंहदी लगवाने की होड़ मच गई तो ब्यूटी पार्लर पर भी महिलाओं और युवतियों की कतार रही।
यह है शुभ मुहूर्त
छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. चंदन शर्मा के मुताबिक 22 अगस्त को सुबह 10.34 तक शोभन योग रहेगा, वही रात 7.40 तक धनिष्ठा योग रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी मंगल होता है। धनिष्ठा नक्षत्र मे जन्म लेने वाला भाई अपनी बहन के प्रति विशेष लगाव रखता है। पूॢणमा तिथि 22 अगस्त को शाम 5.31 बजे तक रहेगी। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 6.15 से शुरू होकर सायं 5.30 बजे तक रहेगा जबकि अभिजीत मुहूर्त 11.40 से 12.30 बजे तक है।
धनु लग्न मे बंधवायें राखी
पं. शर्मा के अनुसार इन विशेष योगों में राखी बंधवाना मंगलकारी रहेगा। इसी दिन देवगुरू बृहस्पति के साथ चंद्रमा की युति रहेगी, जिसके परिणाम स्वरू प इस अवधि मे किए गए धाॢमक कार्य अधिक शुभ फल देंगे। सफेद व पीले धागे से बनी राखी का उपयोग किया जाना चाहिए। सफेद चंद्रमा और पीला बृहस्पति का रंग होता है। इसका असर स्वास्थ्य और शिक्षण कार्य पर भी होता है। राखी बंधवाते समय भाई और बहन दोनों ही काला व धारण न करें। इस दिन ङ्क्षसह, वृश्चिक व धनु लग्न के समय राखी बंधवाना श्रेष्ठ रहेगा। श्रावणी उपाकर्म भी इसी दिन किए जाएंगे। हेमाद्रि स्नान व जनेऊ आदि संस्कार दोपहर तक संपन्न करा लेना चाहिए।