बस चलाने मे निकल रहा पसीना

कोरोना के कारण बिगड़ी ट्रांसपोर्टिग व्यवसाय की चाल, बढ़ी अनेक चुनौतियां
उमरिया। मप्र सरकार द्वारा रोड टेक्स माफी की घोषणा के बाद बसों का संचालन शुरू हो गया है, परंतु मोटर मालिकों के सामने अब इस कारोबार को आगे बढ़़ाने मे कई पेचीदगियों का सामना करना पड़ा रहा है। यही कारण है कि अभी भी जिले मे आधे से भी अधिक बसें चालू नही हो पाई हैं। बसों का संचालन पिछले 5 सितंबर से शुरू तो हुआ है परंतु जिस रूट पर आधा दर्जन बसें चलती थीं, वहां मात्र एक या दो बसें ही चलाई जा रही हैं। उसमे भी संचालकों को फायदे की बजाय नुकसान ही हो रहा है। मोटर मालिकों का कहना है कि एक तो कोरोना की वजह से लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं, दूसरी ओर पांच महीनो तक परिवहन बंद होने से धीरे-धीरे पूरे कारोबार पर मैजिक, आटो और पिकअप जैसे छोटे वाहनो ने कब्जा कर लिया है। ये वाहन 20 से 25 सवारियों को गांव-गांव पहुंचाने का काम करते हैं। सांथ ही इनका एवरेज बस की अपेक्षा बेहतर होता है, वहीं इनके लिये रोड टेक्स आदि का भी झंझट नहीं होता। बस मालिकों ने कहा कि छोटे-छोटे वाहनो मे क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने से दुर्घटना के सांथ ही संक्रमण फैलने का भी खतरा है। ऐसे मे पुलिस और प्रशासन को इन पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिये।
स्टाफ के लिये संचालन की मजबूरी
मोटर मालिकों का कहना है कि इस समय बस संचालन पूरी तरह से घाटे का सौदा है परंतु स्टाफ को कब तक घर बैठे वेतन दिया जाय। इसी मजबूरी के कारण बसों का संचालन शुरू करना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि देश मे कोविड-19 का हमला होते ही सरकार द्वारा बस, ट्रेन सहित सभी प्रकार के यात्री वाहनो का संचालन रोक दिया गया था। जिससे हजारों बस मालिक, ड्राईवर, कंडक्टर और क्लीनर आदि स्टाफ के सामने रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया था। धीरे-धीरे जब लाकडाउन मे ढील दी जाने लगी तो मोटर मालिकों ने सरकार से बंद की अवधि का रोड टेक्स माफ करने की माग की। हाल ही मे सरकार ने यह मांग मान ली है।
14 रूपये बढ़ गया डीजल
बस मालिकों की दूसरी समस्या डीजल के दामो मे बेतहाशा बढ़ोत्तरी है। गहरवार बस के संचालक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कोरोना से पहले डीजल का दाम 69.35 रूपये था जो अब लगभग 83 रूपये प्रति लीटर हो गया है। जिसकी वजह से अब पुराने किराये पर बसें चलाना मुश्किल है। कुल मिला कर इस कारोबार को पटरी पर आने मे अब काफी समय लगेगा।
अभी नहीं पहुंचा टेक्स माफी का आदेश
दूसरी ओर अभी तक सरकार द्वारा की गई टेक्स माफी का आदेश जिले के परिवहन विभाग तक न पहुंचने से भी मोटर मालिक चिंतित हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री घोषणा का विश्वास करके उन्होने बसें चलानी शुरू तो कर दी हैं लेकिन जल्द ही इसका क्रियान्वयन भी होना चाहिये।
ट्रेन शुरू न होने से सांसद के खिलाफ रोष
अनलॉक-4 की घोषणा के बाद जहां देश और मप्र के कई हिस्सों मे ट्रेनो का संचालन शुरू हो गया है, वहीं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कटनी-बिलासपुर खण्ड मे इसे लेकर अभी तक कोई सुगबुगाहट तक सुनाई नहीं दे रही है। जिस पर लोग खासा नाराज हैं। इसके लिये उन्हे अपने नुमाईन्दों पर भी कोफ्त हो रही है जो इस मामले मे अपना मुंह सिले हुए हैं। नागरिकों का कहना है कि संभाग के मतदाताओं ने लगभग चार लाख वोटों से जिता कर जिन सांसद महोदय को लोकसभा पहुंचाया उनका डेढ साल का कार्यकाल उपलब्धि विहीन रहा है। विशेषकर उमरिया और शहडोल से तो जैसे उनका कोई लेना-देना ही नहीं है। लोगों की मांग है कि सांसद अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर कर कमसे कम प्रदेश केे अंदर चलने वाली ट्रेनो को तत्काल शुरू करवायें।

 

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