बढ़ेगी पुरानी खदानो की उम्र

बढ़ेगी पुरानी खदानो की उम्र
जोहिला ने हांसिल किया कोयला उत्पादन का लक्ष्य, कामगारों को बधाई देने पहुंचे सीजीएम
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के एसईसीएल जोहिला क्षेत्र ने इस बार कोयला उत्पादन का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कम्पनी ने क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2021-22 मे मिले 16 लाख 70 हजार के लक्ष्य को पार करते हुए 16 लाख 70 हजार 166 टन कोयले का प्रोडक्शन किया है। जानकारी के मुताबिक गत वित्तीय वर्ष मे कंचनपुर खुली खदान को 7 लाख 50 हजार तथा भूमिगत खदानो को 9 लाख 20 हजार टन का टार्गेट दिया गया था। जिसके विरूद्ध कंचनपुर ने 7 लाख 48 हजार 700 जबकि भूमिगत खदानो से 9 लाख 21 हजार 466 टन कोयला निकाला गया है। इतना ही नहीं कम्पनी ने डिस्पैच के लक्ष्य को भी पूरा किया है।
मुख्यालय तक पहुंचा संदेश
लक्ष्य हांसिल करने से जहां कम्पनी को अतिरिक्त लाभ हुआ है, वहीं जोहिला से एसईसीएल मुख्यालय तक यह संदेश गया है कि यदि योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाय तो क्षेत्र की पुरानी खदानो से बेहतर उत्पादन किया जा सकता है। इसी का नतीजा है कि कम्पनी अब जिले की उम्रदराज खदानो के उन्नयन के सांथ ही बंद पड़ी कालरियों को भी फिर से चालू करने की योजना बना रही है।
महाप्रबंधक ने दी बधाई
अरसे बाद जोहिला क्षेत्र द्वारा उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने पर एसईसीएल के अधिकारियों और कामगारों मे खुशी की लहर है। उनका कहना है कि इस सफलता के असली सूत्रधार क्षेत्रीय महाप्रबंधक हेमंतशरण पाण्डेय हैं, जिनकी ठोस रणनीति के कारण यह उपलब्धि हांसिल हुई है। वहीं जीएम श्री पाण्डेय ने इसे टीमवर्क से मिली बड़ी सफलता बताया। जीएम ने शनिवार को उमरिया, पिपरिया सहित जोहिला क्षेत्र की सभी खदानो का दौरा कर अधिकारियों, कामगारों तथा यूनियन के पदाधिकारियों को बधाई दी। उन्होने कहा कि सभी के सहयोग से उपलब्धियों का दौर आगे भी जारी रहेगा।
खदान बंद करने की बजाय नई तकनीक का इस्तेमाल
कार्यक्रम के उपरांत उप क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय पिपरिया मे बांधवभूमि से चर्चा करते हुए महाप्रबंधक हेमंतशरण पाण्डेय ने बताया कि एसईसीएल ने जोहिला क्षेत्र की उमरिया, पिपरिया, कंचन, बिरसिंहपुर, पाली एवं नौरोजाबाद खदानो के लिये विशेष योजना तैयार की है। जिसके लागू होने के बाद इन कालरियों से आने वाले 30 वर्ष तक कोयले का उत्पादन हो सकेगा। उन्होने कहा कि उमरिया मे 1884 मे कोयले की खदान स्थापित हुई थी। पुरानी खदानो को बंद करने की बजाय नई तकनीक अपना कर उनसे कोयला निकाला जायेगा।
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
लंबे समय से नागरिकों के जीवन यापन का मुख्य जरिया रहीं एसईसीएल की कोयला खदानों के जीणोद्धार की पहल जिले के लिये राहत की खबर है। जानकारों का मानना है कि जोहिला क्षेत्र के ऊर्जावान एवं जुझारू महाप्रबंधक ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने का बीड़ा उठाया है। इससे क्षेत्र मे रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे वहीं जिले के व्यापार पर छाये संकट के बादल भी छंट सकते हैं।
यह है कम्पनी प्लान
खदान योजना
कंचनपुर:                       उत्पादन 7.5 लाख टन से 27.5 लाख टन किया जायेगा
बिरसिंहपुर:                   बंद खदान पुन: चालू की जायेगी
पाली खदान:                  ड्रिफ्टिंग करके विस्तार
नौरोजाबाद खदान:         ओपन कास्ट पद्धति से उत्पादन
पिपरिया खदान:            ड्रिफ्टिंग करके सीएम से उत्पादन
चपहा कालरी:                जमुनिहा मे एक और मुहाड़ा खुलेगा

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