हिंसा का दौर लौटने का खतरा
theguardian की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2003 में यहां आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का कब्जा था। इसी दौर में अमेरिकी सैनिक तैनात किए गए। बीते कुछ साल में इस आतंकी संगठन पर काफी हद तक नकेल कसी जा चुकी है लेकिन, गुरुवार के फिदायीन हमलों के बाद हिंसा का दौर लौटने की आशंका जताई जाने लगी है।
कपड़ा बाजार में हुआ हमला
रिपोर्ट के मुताबिक, बगदाद के कपड़ा बाजार में गुरुवार दोपहर दो आतंकी पहुंचे। इनमें से एक ने खुद को बीमार बताकर लोगों को पास बुलाया। जब भीड़ जुट गई तो उसने खुद को बम से उड़ा लिया। पहले धमाके के बाद जब लोग घायलों की मदद के लिए पहुंचे तो दूसरे हमलावर ने धमाका कर दिया।
अस्पतालों में दिक्कत
बगदाद के अस्पतालों में कोरोनावायरस के कई मरीजों का इलाज चल रहा है। इसलिए यहां बेड्स पहले से ही कम हैं। देश की स्वास्थ्य सेवाएं भी लचर हैं। घटना के बाद सबसे बड़े अस्पताल में लाशें कतार में रखी नजर आईं। अब तक हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है। हालांकि, माना जा रहा है कि जिस तरह से फिदायीन हमले को अंजाम दिया गया उससे यह आईएसआईएस की करतूत लगती है।