बंदरों के आतंक से परेशान किसान

क्षेत्र के कई गांवों मे समस्या, फसल से लेकर घर का सामान तक हो रहा तबाह
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। जनपद के सीमावर्ती गावों मे बंदरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। बंदर घरों मे घुस कर लोगों को घायल तो कर ही रहे हैं, कीमती सामान, फल-सब्जियां और फसलें भी तबाह कर रहे हैं। इस संबंध मे प्रशासन के समक्ष कई बार शिकायत की गई, पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। स्थानीय ग्रामीणो ने बताया कि तहसील क्षेत्र के ग्राम खेरवा, टिकुरी, कोटरी, गडरिया टोला, चिमटा, असोढ़ आदि कई ग्राम बंदरों के उत्पात के शिकार हैं। यहां लाल और काले दोनो प्रकार के बंदरो का जमघट लगा रहता है। एक-एक गांव मे इनकी संख्या 100 से 200 तक है। जो झुंड मे घरों और खेतो पर धावा बोल कर सबकुछ तहस नहस कर देते हैं। लोगों ने बताया कि ये बंदर कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा कर अंदर घुस जाते हैं और वहां रखा अनाज, सब्जी आदि खा जाते है। सांथ ही घर मे रखा सामान तोड़ कर चौपट कर देते हैं। भगाने पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो को जख्मी कर देते है।
सब्जी और तिलहन की खेती छोड़ी
बंदरों से परेशान हो कर कई किसानो ने सब्जी के अलावा अरहर, चना, मसूर, मटर, तिली आदि की खेती करना ही बंद कर दी है। इससे उनकी आर्थिक हालत और भी बदतर हो गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जहां सरकार और प्रशासन बंदरों को नियंत्रित करने हेतु कोई कार्यवाही नहीं कर रहा। वहीं कानून के डर से किसान बंदरो को हांथ भी नही लगा रहे। इन सब के बीच वन विभाग ने भी मौन साध लिया है। विभाग के अधिकारी बंदरो द्वारा की जा रही नुकसानी का मुआवजा भी नहीं बना रहे। शासन प्रशासन की बेरूखी से निराश किसानो ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जायेगा।

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