पोकरण परमाणु परीक्षण इतिहास का गौरवशाली दिन: पीएम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पोकरण मे 1998 मे हुए परमाणु परीक्षण को भारत के इतिहास के सबसे गौरवशाली दिनों में से एक बताया है। पीएम ने कहा कि देश के लिए प्रौद्योगिकी अपना दबदबा कायम करने का माध्यम नहीं बल्कि देश की प्रगति को गति देने का एक उपकरण है। पोकरण परीक्षण की वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर यहां प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सशक्तिकरण के स्रोत के रूप में और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए किया है। मोदी ने कहा कि पोकरण परमाणु परीक्षण के जरिए भारत ने ना केवल अपने वैज्ञानिक सामथ्र्य को साबित किया बल्कि इसने भारत के वैश्विक कद को एक नई ऊंचाई भी दी। उन्होंने कहा, ”अटल जी के शब्दों में ही कहूं तो- ‘अपनी ध्येय-यात्रा में, हम कभी रुके नहीं हैं। किसी चुनौती के समक्ष, कभी झुके नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी, उनमें लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी-इंडिया (एलआईजीओ-इंडिया), होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, जतनी, ओडिशा और टाटा मेमोरियल अस्पताल के मुंबई का प्लैटिनम जुबली ब्लॉक शामिल हैं। ये विकास उस समय में हुआ जब दुनिया आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से गुजर रही है। ये भारत की सामर्थ्य दिखाता है, भारत की प्रतिभा दिखाता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर यहां प्रगति मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया और 5,800 करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी।