पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगेगा

नारायणसामी के इस्तीफे के बाद किसी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया
पुडुचेरी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी। पुडुचेरी की उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन की सिफारिश के बाद मंत्रिमंडल ने बुधवार को इसका प्रपोजल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दिया है। 22 फरवरी को विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान मुख्यमंत्री नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर पाए थे। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा भेजा था। माना जा रहा था कि विपक्षी दल एआईएडीएमके सरकार बनाने का दावा पेश करेगा, लेकिन अन्नाद्रमुक ने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि चुनाव करीब हैं और पार्टी चुनाव में उतरेगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नारायण सामी के इस्तीफे के बाद किसी ने भी सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। इसलिए उप-राज्यपाल ने 14वीं विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की। अब हमने इसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है। उनकी मंजूरी के बाद विधानसभा भंग हो जाएगी।
बहुमत का आंकड़ा होने के बावजूद अन्नाद्रमुक ने सरकार नहीं बनाई
पुडुचेरी में सरकार का संकट 25 जनवरी को शुरू हुआ था। उस दिन पीडब्ल्यूडी मंत्री नमस्सिवयम और थीप्पाइंजन ने विधायक पद से इस्तीफा दिया था। ये भाजपा में शामिल हुए। इसके बाद फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस के 3 और डीएमके के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया। इसके अलावा एक कांग्रेसी विधायक अयोग्य ठहराए गए। ऐसे में फ्लोर टेस्ट के पहले ही कांग्रेस गठबंधन का संख्या बल 12 हो गया। बहुमत साबित करने के लिए 14 का आंकड़ा चाहिए था। विपक्ष की बात करें तो एआईएनआरसी के 7, एआईएडीएमके के 4 और भाजपा के 3 मनोनीत सदस्य मिलाकर आंकड़ा 14 तक पहुंचा। माना भी यही जा रहा था कि अन्नाद्रमुक सरकार बनाने का दावा पेश करेगी, पर पार्टी ने ऐसा नहीं किया।

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