नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा में चूक मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य की सरकार को नसीहत भी दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच वाकयुद्ध से कोई समाधान नहीं निकलेगा। यह ऐसे अहम समय में प्रतिक्रिया देने के लिए एक मजबूत तंत्र की जरूरतों को कम कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पीएम की सुरक्षा में हुई चूक मामले की शीर्ष अदालत की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिरीक्षक, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के अतिरिक्त डीजीपी (सुरक्षा) को समिति का सदस्य नियुक्त किया। चीफ जस्टिस एनवी रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा ने कहा कि यह समिति ‘जल्द से जल्द’ अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी। पीठ ने कहा कि सु्प्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति इन बिंदुओं की जांच करेगा कि सुरक्षा उल्लंघन के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और किस हद तक, उपचारात्मक उपाय आवश्यक हैं। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो समिति यह सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक पदाधिकारियों की सुरक्षा पर सुझाव देगी। पंजाब के फिरोजपुर में 5 जनवरी को प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग अवरुद्ध करने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला करीब 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंस गया था, जिसके बाद वह एक रैली सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आए।
पीएम की सुरक्षा मे चूक पर सुप्रीम कोर्ट ने गठित की समिति
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