पीएम की घोषणा के बावजूद नहीं मिला रसोइयों का मानदेय
उमरिया। भारतीय मजदूर संघ, मप्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने कल कलेक्ट्रेट के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान दो अलग-अलग ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपे गए। ज्ञापन मे कहा गया है कि आंगनवाड़ी मे काम करने वाले रसोइयों को कोरोना वायरस के दौरान भी मानदेय नहीं दिया गया जबकि प्रधानमंत्री ने साफ कहा था कि कोरोना संक्रमण काल मे किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा और सभी को मानदेय मिलेगा। इसके बावजूद 2020 जून से रसोइयों का मानदेय नहीं दिया गया। अन्य मागों के अलावा भारतीय मजदूर संघ, मप्र आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने आंगनवाड़ी में कार्यरत कर्मचारी को भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन सेविका को 18000 और सहायिका को 9000 प्रतिमाह भुगतान किया जाए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत देश के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालय की मान्यता देते हुए कार्यकर्ताओं मिनी कार्यकर्ता को पूर्ण शिक्षा शिक्षिका का सम्मानजनक पद नाम दिया जाए, आंगनवाड़ी में कर्मचारियों के लिए भी भविष्य निधि पेंशन लागू की जाए, आंगनवाड़ी कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी की तरह अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश और विभिन्न पर्व पर मिलने वाली छुट्टियां देने की व्यवस्था सहित विभिन्न मांगें शामिल हैं।
पीएम की घोषणा के बावजूद नहीं मिला रसोइयों का मानदेय
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