पीएफआई के प्रदर्शन मे जमकर हिंसा, केरल मे कई जगहों पर बमबारी

नई दिल्ली। इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई द्वारा शुक्रवार को केरल में आहूत दिनभर की हड़ताल के बीच राज्य में कई जगहों पर हिंसाभड़क गई। पूरे राज्य में सार्वजनिक परिवहन की बसों पर पथराव होने, दुकानों, वाहनों को क्षति पहुंचाने और हिंसा की घटनाओं की भी सूचना मिली है। यहां तक कि मामला बढ़ता देख केरल उच्च न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेना पड़ा है। कोर्ट ने पुलिस को सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगभग ७० सरकारी बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया, कई जगहों पर बम फेंके गए और कन्नूर (उत्तरी केरल) में आरएसएस के कार्यालय पर बदमाशों ने हमला किया। कन्नूर में एक पीएफआई कार्यकर्ता को जिंदा बम के साथ पकड़ा गया है। हिंसा के सिलसिले में २०० से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। कुछ जगहों पर एंबुलेंस पर भी पथराव किया गया। हिंसा में १२ बस यात्री और छह चालक घायल हुए हैं। केरल उच्च न्यायालय ने पीएफआई की हड़ताल और राज्य में आज हुई हिंसा की घटनाओं पर संज्ञान लिया है। अदालत ने कहा कि हड़ताल पर उसने पहले ही रोक लगा रखी है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। अदालत ने राज्य प्रशासन को उसके हड़ताल पर प्रतिबंध संबंधी आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। केरल हाईकोर्ट ने पुलिस से पीएफआई के राज्य सचिव ए अबूबकर के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा है। अबूबकर ने गुरूवार को देश भर में छापेमारी और पीएफआई पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया था। ठीक से काम नहीं करने के लिए पुलिस की भी आलोचना हो रही है। विपक्षी भाजपा ने कहा कि केरल पुलिस ने कट्टरपंथी संगठन के सामने नम्रतापूर्वक आत्मसमर्पण कर दिया। कन्नूर में सुबह अखबार ले जा रही एक निजी वैन पर बम फेंके गए। इसी जिले में पुलिस ने दो पेट्रोल बम ले जा रहे पीएफआई के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि कोझीकोड में जब उनके वाहन पर पथराव किया गया तो एक १५ वर्षीय लड़की और ऑटो चालक घायल हो गए।
सांप्रदायिकता के सभी रूपों के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति जरूरी: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति होनी चाहिए। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और अन्य एजेंसियों द्वारा पीएफआई कार्यालयों और पीएफआई नेताओं के घरों पर देशव्यापी छापे के संबंध में संवाददाता सम्मेलन में पूछे एक सवाल के जवाब में कहा हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए, चाहे वह कहीं से भी हो। सांप्रदायिकता के प्रति ‘कतई बर्दाश्त न करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति होनी चाहिए और इसका मुकाबला किया जाना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा कि हर तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला किया जाना चाहिए। रमेश ने इस मामले पर गांधी के बयान को टैग करते हुए ट्वीट किया यह नेहरूवादी रूख का एक स्पष्ट दोहराव है- सभी तरह की सांप्रदायिकता खतरनाक है और इसका समान रूप से मुकाबला किया जाना चाहिए।

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