पिछड़ा वर्ग के सांथ हो रहा अन्याय
छतरपुर मे पुजारी द्वारा युवती से दुष्कर्म मामले मे ओबीसी महासभा ने सौंपा ज्ञापन
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। ओबीसी महासभा ने प्रदेश सरकार पर पिछड़ा वर्ग के सांथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए छतरपुर मे युवती को डरा-धमका कर उसके सांथ हुए दुराचार मामले की जांच व दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है। गत सोमवार को इस मुद्दे पर महासभा के जिलाध्यक्ष बालकदास पटेल के नेतृत्व मे महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, गृह सचिव, मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक के नाम का ज्ञापन तहसीलदार मानपुर को सौंपा गया। इस मौके पर महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि बीते दिनो छतरपुर स्थित बृम्हेश्वर धाम के पुजारी लवलेश तिवारी द्वारा धार्मिक कार्य की आड़ मे समाज की 20 वर्षीय युवती के सांथ जबरन दुष्कर्म किया गया। स्थानीय पुलिस ने इस गंभीर घटना मे 27 घंटे बाद जा कर एफआईआर दर्ज की। पुलिस की यह लापरवाही राज्य मे युवतियों के सांथ हो रहे बर्ताव को प्रदर्शित करती है।
हीला-हवाली करती रही पुलिस
श्री पटेल ने बताया कि पुजारी द्वारा पहले युवती को मंत्र सिद्धी के द्वारा मृत्यु का भय दिखा कर अपने वश मे किया। फिर दुष्कर्म जैसी शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया। पीडि़त पक्ष जब आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचा तो पुलिस कार्यवाही करना तो दूर मामला कायम करने मे ही हीला-हवाली करती रही। ओबीसी कार्यकर्ताओं द्वारा काफी मशक्कत करने पर घटना के 27 घंटे बाद जा कर इस मामले मे एफआईआर दर्ज की गई।
कार्यकर्ताओं पर दर्ज किया मुकदमा
महासभा का कहना है कि पिछड़ा वर्ग के प्रति द्वेष की भावना रखने वाली सरकार द्वारा बृम्हेश्वरी धाम के अनुयाईयों के दबाव मे ओबीसी महासभा छतरपुर के जिलाध्यक्ष कृष्णा पटेल, प्रदेश सचिव नरेन्द्र पटेल तथा अन्य सदस्यों पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे समूचा समाज व्यथित है। महासभा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि तीन दिनो के अंदर उक्त घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच तथा कार्यकर्ताओं पर दर्ज झूठा मुकदमा वापस लेने की घोषणा की जाय ताकि पीडि़ता को न्याय मिल सके। अन्यथा ओबीसी महासभा सड़कों पर उतर पर आंदोलन करेगी। जिसकी समूची जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपते समय भारी संख्या मे महासभा के पदाधिकारी और महिलायें मौजूद थीं।
पिछड़ा वर्ग के सांथ हो रहा अन्याय
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