पारे ने फिर लगाया गोता

जिले मे कोल्ड रिटर्न…एक दिन मे तापमान 4.6 डिग्री लुढ़का, ठिठुरन से बढ़ी बेचैनी
आसमान मे धूप खिलने का भी कोई असर नहीं, दिन मे भी चलती रही शीतलहर
बांधवभूमि, उमरिया
जिले मे एक बार फिर ठण्ड का प्रकोप लौट पड़ा है। रविवार को पारा लुढ़क कर 6.4 पर आ गया। जबकि इससे महज एक दिन पहले तापमान 11 डिग्री था। मतलब महज 24 घंटे के दौरान पारे मे 4.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। लोगों को कल सुबह से ही ठिठुरन वाली ठण्ड का एहसास हुआ। कई नागरिक शनिवार के झांसे मे हाफ कोट आदि पहन कर घर से तो निकले पर बाहर चल रही शीत लहर और तेज सर्दी ने उन्हे वापस घर आ कर और गर्म कपड़े पहनने के लिये मजबूर कर दिया। हलांकि इस दौरान आसमान मे धूप भी खिली रही परंतु इसका कोई असर ठण्ड पर नहीं पड़ा।
पिछले हफ्ते टूटा था रिकार्ड
करीब 10 दिन पहले से ठण्ड ने अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया था। गत 6 जनवरी को जिले का तापमान 4.9 डिग्री पर आ गया। उसके ठीक दूसरे दिन 7 जनवरी को यह इस साल के न्यूनतम स्तर याने 1.7 डिग्री पर जा पहुंचा था। उसके बाद अचानक सर्दी गायब सी हो गई। 13 जनवरी को मौसम ने एक बार फिर करवट ली। इस दिन पारा 8 डिग्री पर था। 14 जनवरी को कांटा 11 पर था पर 15 जनवरी को ठण्ड 6.4 डिग्री पर आ गई। मौसम के जानकारों का मानना है कि उत्तर भारत मे हो रही बर्फबारी के कारण आने वाले कुछ और दिन लोगों को शीतलहर और गलाव वाली ठण्ड का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बादल छंटने और उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के कारण मध्यप्रदेश के हिस्सों मे एक बार फिर सर्दी बढ़ गई है। वर्तमान मे लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सर्द हवाएं चल रही हैं। इस दौरान शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस ट्रफ के रूप मे पहाड़ों पर मौजूद है। जिससे बर्फबारी के आसार हैं। इसके प्रभाव से रविवार को रात का पारा 3.4 डिग्री तक गिर सकता है और शीतलहर चल सकती है। 18 जनवरी से कड़ाके की सर्दी बनी रहने के आसार हैं।
हृदय रोगियों को अलर्ट जारी
इस बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड के मौसम के हृदय पर नकारात्मक असर को लेकर लोगों को अलर्ट किया है। उनका कहना है कि इस मौसम में बरती गई लापरवाही हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकती है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय रोगों की समस्या रही है उन्हें और भी सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। जिले के पूर्व सीएमएचओ और प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एपी द्विवेदी बताते हैं, वैसे तो हृदय रोगों का खतरा फि लहाल सभी लोगों के लिए बना हुआ है पर कुछ कारकों के चलते यह जोखिम बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से ही हार्ट अटैक हो चुका है या फि र डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम रहे हैं उन्हे इस मौसम मे हार्ट अटैक होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को हृदय की सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। सर्दियों के मौसम मे भी नियमित योग-व्यायाम की आदत डालें। हृदय पर अतिरिक्त दबाव न पड़े, इस बात का पूरा ख्याल रखें।

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