पेसा एक्ट संबंधी एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
बांधवभूमि, उमरिया
जल, जंगल, जमीन, श्रमिक, परंपराएं एवं संस्कृति ये पेसा नियमों का पंचामृत है। 15 नवंबर से ये नियम पूरे मध्यप्रदेश मे लागू हो गये है। ग्राम सभा के माध्यम से संबंधित विभाग के द्वारा क्रियाशील किया जाना है। अधिकारी पेसा के नियमों को भली भांति समझे एवं आत्मसात करते हुए क्रियान्वयन करें। इस आशय के विचार कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी ने कलेक्टर सभागार मे आयोजित पेसा नियम की कार्य शाला को संबोधित करते हुए व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अधिकारी ग्राम सभा मे जाकर पेसा नियम से संबंधित जिन अधिकारियों को जो कार्य क्रियान्वित किया जाना है, उसका प्रस्ताव भी ग्राम सभा मे पारित कराएं। इस अवसर पर वनमण्डला अधिकारी मोहित सूद, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी,अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया, तहसीलदार असवनराम चिरामन, कार्य पालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, जिला खनिज अधिकारी, श्रम पदाधिकारी, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद, कार्य पालन यंत्री जल संसाधन विभाग , अधीक्षक भू अभिलेख सहित पेसा नियम से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। पेसा के नियमों की जानकारी देते हुए मास्टर ट्रेनर सुशील मिश्रा ने राजस्व उप खण्ड अधिकारी, राजस्व पटवारी, भू अर्जन शाखा प्रभारी, खनिज विभाग, वन विभाग बीटगार्ड, शंाति एवं सुरक्षा पुलिस विभाग, ग्राम सभा के अधिकारियों की सीमाएं, भूमि प्रबंधन कृषि विभाग, जल संसाधन एवं लघु जल संभर पंचायत एवं ग्रामीण विकास, मत्स्य विभाग, श्रम शक्ति, बाजार तथा मेलों पर नियंत्रण, साहूकारी अनुसूचित क्षेत्रों मे धन उधार देने पर नियंत्रण, मादक पदार्थ पर नियंत्रण, सामाजिक क्षेत्रों की संस्थाओं पर नियंत्रण के बारे मे जानकारी दी गई।
पहले नियमों को भली भांति समझें, फिर करें क्रियान्वयन: कलेक्टर
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