पत्नि के हत्यारे को आजन्म कारावास

पत्नि के हत्यारे को आजन्म कारावास
सास-ससुर की मौजूदगी मे दिया था वारदात को अंजाम
बांधवभूमि, उमरिया
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सनत कुमार कश्यप ने पत्नी की निर्मम हत्या करने के आरोपी को आजन्म कारावास की सजा सुनाई है। इस संबंध मे अभियोजन पक्ष के मीडिया प्रभारी नीरज पाण्डेय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक दो वर्ष पूर्व 23 अप्रैल 2020 को पाडू पिता चुहनू बैगा, पत्नी जानकी बाई निवासी बिछुआ थाना नौराजाबाद समधी गोकुल बैगा के सांथ मेहमानी करने अपनी बेटी वर्षा बैगा एवं दामाद दिलीप बैगा के घर आये थे। रात मे सभी रिश्तेदार खाना खाकर सो गए थे। सुबह 5 बजे वर्षा बैगा का चाचा ससुर चिल्लाने लगा कि दिलीप बैगा कुल्हाड़ी से अपनी पत्नी वर्षा बैगा पर हमला करके भाग गया है। जिस पर सभी रिश्तेदार दौड कर बेटी के कमरे मे पहुंचे तो देखा कि वह बिस्तर पर खून से लथपथ और बेहोश पड़ी है। इसी बीच हल्ला-गुल्ला सुनकर आसपास के लोग भी आ गये। करीब 7 बजे वर्षा बैगा को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पर आरोपी दिलीप बैगा के विरूद्ध धारा 302 का अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार किया गया। प्रकरण की विवेचना निरीक्षक राकेश उइके द्वारा की गयी। मामला गंभीर होने से शासन द्वारा उप निरीक्षक सुरेन्द्र बहादुर सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया।
अदालत मे मुकरे माता-पिता
शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अर्चना मरावी, अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी केआर पटेल द्वारा सशक्त पैरवी कर अदालत से आरोपी को कठोर से कठोर दण्ड देने का निवेदन किया गया। प्रकरण के सूक्ष्म परिशीलन के बाद दोष सिद्ध पाये जाने पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सनत कुमार कश्यप की अदालत ने आरोपी दिलीप बैगा को आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। सुनवाई के दौरान आरोपी के माता-पिता न्याायालय मे पुलिस को दिये अपने कथन से मुकर गये थे परंतु अभियोजन के अधिकारीगण परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को दोषसिद्ध कराने मे सफल रहे।

 

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