पटेहरा मे मिली बाघ की “बेसिरी” लाश

पटेहरा मे मिली बाघ की “बेसिरी” लाश

बांधवगढ़ मे एक और टाईगर की मौत, महज दो महीनो मे सामने आया चौथा वाकया

बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
उमरिया। जिले के प्रसिद्ध बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे एक और बाघ की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार गत 15 सितंबर की रात करीब 9 बजे गस्ती दल को मानपुर बफर की पटेहरा बीट स्थित छुइहाई नाले मे एक बाघ का क्षत-विक्षत शव मिला था। घटना की सूचना प्राप्त होते ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और घटना स्थल को घेर कर संरक्षित कराया। उनके निर्देश पर डॉग स्क्वाड की टीम द्वारा आसपास के करीब एक किमी क्षेत्र मे सर्च किया गया। रात्रि अधिक होने से अगले दिन पुन: डॉग स्क्वाड के साथ गस्ती दल ने इलाके मे सर्च आपरेशन चलाया। शव लगभग 4 से 5 दिन पुराना है। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शव अन्यंत्र स्थान से पानी के साथ बह कर आया है। बाघ के गर्दन के ऊपर सिर वाला हिस्सा मौके पर नही मिला। जबकि अन्य समस्त अंग सुरक्षित पाये गये। अधिाकारियों का अनुमान है कि बाघ के सिर का भाग पानी के साथ बह गया हो सकता है। पीएम के उपरांत शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है।
तो क्या शिकार की भेंट चढ़ा बाघ
पार्क के मानपुर बफर परिक्षेत्र की पटेरहा बीट मे मृत पाये गये बाघ की आयु 2 से 3 वर्ष बताई गई है। इसकी मौत और नाले मे मिली बेसिरी लाश ने जिले के वन्यजीव प्रेमियों को चिंता मे डाल दिया है। सांथ ही घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं यह पेशेवर शिकारियों की करतूत तो नहीं है। सूत्रों का मानना है कि बाघ की लाश नाले मे रेत के अंदर दबी हुई थी, बारिश के कारण रेत बहने से वह बाहर आ गई। गौरतलब है कि बहेलिये अक्सर शेर को मारने के लिये इस तरह का तरीका अपनाते हैं। जिसमे पहले पंजा या फंदा लगाया जाता है। जैसे ही उसमे कोई जानवर फंसता है, कई लोग मिल कर पहले तो लाठियों से उसे मौत के घाट उतार देते हैं, फिर शव मिट्टी के नीचे छिपा दिया जाता है। कुछ दिन बाद मौका देख कर शिकारी शव भी ले जाते हैं।
चारों मौतें मानपुर परिक्षेत्र मे
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे बीते 15 सितंबर को हुई इस घटना के सांथ ही विगत दो महीनो मे बाघों की मौत का आंकड़ा बढ़ कर चार हो गया। खास बात यह है कि ये चारों मौतें मानपुर परिक्षेत्र मे ही हुई है। इससे पहले 10 अगस्त को मादा शावक, 21 जुलाई को बाघ और 16 जुलाई को बाघिन की मृत्यु इसी इलाके मे हो चुकी है। ऐसे मे प्रबंधन के सामने यह पता लगाने की भी चुनौती है कि आखिर एक ही स्थान पर इस तरह की घटनायें क्यों हो रही हैं। वैसे भी मानपुर परिक्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से भी खासा संवेदनशील है, क्योंकि इसकी सीमायें रीवा, सीधी और शहडोल जिलों को छूती हैं। जहां संदिग्ध तथा आपराधिक छवि के लोगों की गतिविधियां आये दिन बनी रहती हैं।
सिर के अवशेष मिले
सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति मे 3 वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा बाघ के शव का पोस्टमार्टम किया गया है। फॉरेंन्सिक जांच हेतु आवश्यक सैंपल एकत्रित किये जाने के बाद शासन द्वारा निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार सक्षम अधिकारियों की उपस्थिति मे शव को जला कर नष्ट किया गया। बाघ का शव मिलने के बाद से ही इलाके मे सघन सर्च अभियान चलाया जा रहा है। गायब सिर के भी कुछ अवशेष भी मिले हैं। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही संभव हो सकेगी।
सुधीर मिश्रा
एसडीओ
बांटारि, उमरिया

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