एसडीएम की कार्यवाही के विरोध मे पटवारियों ने जमा किये बस्ते, हड़ताल की घोषणा
बांधवभूमि, उमरिया
बिरसिंहपुर पाली के एसडीएम द्वारा की गई कार्यवाही के विरोध मे जिले के समस्त पटवारी कलमबंद हड़ताल पर चले गये हैं। इससे पहले बुधवार को पटवारियों ने अपना बस्ता संबंधित कार्यालयों मे तहसीलदारों को सुपुर्द करने के बाद कलम बंद करने की सामूहिक घोषणा कर दी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश भर के पटवारी सीमांकन की जिम्मेदारी सौंपे जाने के सरकारी फैंसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस कार्य के लिये उन्हे आरआई के समान वेतन मिलना चाहिये। पटवारियों की हड़ताल से विभिन्न शासकीय योजनाओं तथा राजस्व संबंधी कई कार्य प्रभावित होंगे। जिसके चलते किसानो, पक्षकारों और हितग्राहियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ज्ञापन सौंपने के बाद रोकी वेतन वृद्धियां
बताया गया है कि सरकार द्वारा जारी आदेश के विरोध मे जारी राज्यव्यापी आंदोलन के तहत 3 जून को पाली के पटवारियों द्वारा सीमांकन कार्य करने मे असमर्थता व्यक्त करने का ज्ञापन सौंपने के बाद पाली एसडीएम ने तहसील के सात पटवारियों की दो वेतन वृद्धियां रोकने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद पूरे पटवारियों मे रोष फैल गया। विगत 5 जून को पटवारी संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर एसडीएम के आदेश को 24 घंटे मे वापस लेने की मांग की थी। नियत समय तक मांग पूरी न होने पर पटवारी पहले शासकीय वाट्सएप ग्रुपों से लेफ्ट हुए और कल उनके द्वारा बस्ता जमा करने के बाद कलमबंद हड़ताल करने की घोषणा कर दी गई।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा हाल ही मे धारा 126 के तहत जमीनो के सीमांकन का अधिकार पटवारियों को सौंप दिया गया है। इससे पहले यह जिम्मेदारी राजस्व निरीक्षकों पर थी, हलांकि पटवारी भी सीमांकन के दौरान मौके पर मौजूद रहते थे। सरकार के इस आदेश का पटवारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पटवारी के वेतन पर वे आरआई का काम क्यों करें। पहले उनका ग्रेड पे बढ़ा कर 2800 रूपये किया जाय, तभी इस आदेश का पालन किया जायेगा। हलांकि पटवारी आरआई के सांथ मिल कर सीमांकन का कार्य करने के लिये अभी भी तैयार हैं।
तो क्या समाप्त होगा आईआई का पद
बताया गया है कि शासन द्वारा कुछ मांह पूर्व अधिकांश राजस्व निरीक्षकों का प्रमोशन नायब तहसीलदार के पद पर करते हुए उन्हे अन्य जिलों मे पदस्थ कर दिया गया है। इस नीति के चलते जिले मे अब चंद आरआई ही शेष बचे हैं। इसके सांथ ही उनके अधिकार पटवारियों को सौंपे जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि राजस्व निरीक्षकों द्वारा मुख्य रूप से सीमांकन, नक्शा तरमीम और अतिक्रमण का प्रतिवेदन देने जैसे कार्यो को संपादित करते हैं। ये अधिकार पटवारियों को दिये जाने के बाद आरआई पद का औचित्य ही समाप्त हो जायेगा।
पटवारी के वेतन पर क्यों करें आरआई का काम
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