नई दिल्ली । तालिबान ने लगभग पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक तालिबान ने एक प्रतिनिधिमंडल को पंजशीर में अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद से वार्ता करने के लिए भेजा है। वहीं एक इंटरव्यू में मसूद ने कहा है कि वो वार्ता और हमले दोनों के लिए तैयार हैं। पंजशीर के इर्दगिर्द तालिबान और स्थानीय लोगों के बीच संघर्ष की भी खबरें हैं। पंजशीर के स्थानीय सूत्रों के मुताबिक यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर बगलान प्रांत के पुल-ए-हिसार जिले को लड़ाकों ने तालिबान के कब्जे से छुड़ा लिया है। वहीं बानू और देह-ए-सलाह जिलों में भी भीषण लड़ाई की खबरें हैं।
तालिबान और मसूद ग्रुप के बीच सत्ता को लेकर हो सकता है समझौता
अफगानिस्तान के निवर्तमान उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पंजशीर से ही अपने आप को अशरफ गनी की गैर मौजूदगी में अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। पंजशीर अब तालिबान के विरोध का गढ़ और केंद्र बन गया है। अहमद मसूद ने विदेशी ताकतों से भी तालिबान के खिलाफ मदद मांगी हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि तालिबान और मसूद ग्रुप के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर समझौता हो सकता है।
अफगानिस्तान के निवर्तमान उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने पंजशीर से ही अपने आप को अशरफ गनी की गैर मौजूदगी में अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। पंजशीर अब तालिबान के विरोध का गढ़ और केंद्र बन गया है। अहमद मसूद ने विदेशी ताकतों से भी तालिबान के खिलाफ मदद मांगी हैं। वहीं सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि तालिबान और मसूद ग्रुप के बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर समझौता हो सकता है।
अमेरिका का मोस्ट वांटेड काबुल में खुलेआम घूम रहा, 50 लाख डॉलर का इनाम
काबुल की एक मस्जिद में खलील हक्कानी इस्लामी अमीरात की घोषणा करते हुए। खलील हक्कानी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है और ये मोस्ट वांटेड है। खलील हक्कानी दिवंगत जलालउद्दीन हक्कानी का भाई है। मस्जिद में हजारों लोगों ने हक्कानी का समर्थन किया है। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए थे और भारतीय हितों को भी निशाना बनाया था।
काबुल की एक मस्जिद में खलील हक्कानी इस्लामी अमीरात की घोषणा करते हुए। खलील हक्कानी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है और ये मोस्ट वांटेड है। खलील हक्कानी दिवंगत जलालउद्दीन हक्कानी का भाई है। मस्जिद में हजारों लोगों ने हक्कानी का समर्थन किया है। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए थे और भारतीय हितों को भी निशाना बनाया था।
तालिबान ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कई लड़ाको को जेल से रिहा किया
अफगानिस्तान के तालिबान में कब्जे में आने के बाद बड़ी तादाद में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाके भी रिहा किए गए हैं। ये काबुल की पुल-ए-चरखी जेल में बंद थे। इनमें कई बड़े नेता भी हैं। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने अपने कैदियों की रिहाई के लिए तालिबान का शुक्रिया अदा किया है। तस्वीर में मौलवी फाकिर अहमद भी दिख रहे हैं जो संगठन के सह-संस्थापक हैं। फाकिर का क्वेटा में उनके समर्थकों ने भव्य स्वागत किया है। TTP पाकिस्तान में भी तालिबान शासन स्थापित करना चाहती है।
अफगानिस्तान के तालिबान में कब्जे में आने के बाद बड़ी तादाद में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाके भी रिहा किए गए हैं। ये काबुल की पुल-ए-चरखी जेल में बंद थे। इनमें कई बड़े नेता भी हैं। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने अपने कैदियों की रिहाई के लिए तालिबान का शुक्रिया अदा किया है। तस्वीर में मौलवी फाकिर अहमद भी दिख रहे हैं जो संगठन के सह-संस्थापक हैं। फाकिर का क्वेटा में उनके समर्थकों ने भव्य स्वागत किया है। TTP पाकिस्तान में भी तालिबान शासन स्थापित करना चाहती है।
Advertisements
Advertisements