नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 2016 में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को फैसला आएगा। न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ 2 जनवरी को मामले पर अपना फैसला सुना सकती है। शीर्ष अदालत की सोमवार की वाद सूची के अनुसार इस मामले में दो अलग-अलग फैसले हो सकते हैं जो न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना द्वारा सुनाए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसंबर को केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्देश दिया था कि वे सरकार के 2016 के फैसले से संबंधित रिकॉर्ड पर अपना फैसला सुरक्षित रख लें। इसने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि आरबीआई के वकील और याचिकाकर्ताओं के वकीलों वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम और श्याम दीवान की दलीलें सुनीं। 500 रुपये और 1000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद करने को गंभीर रूप से त्रुटिपूर्ण बताते हुए चिदंबरम ने तर्क दिया था कि सरकार कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है जो केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है।
नोटबंदी के खिलाफ दायर 58 याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
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