निजीकरण से बढ़ेगी बेरोजगारी

निजीकरण से बढ़ेगी बेरोजगारी
ट्रांसमिशन कम्पनी बिकनेे से बेकार हो जायेंगे कई युवा और ठेकेदार
उमरिया। ट्रेड यूनियनो के भारी विरोध के बावजूद मप्र पावर ट्रांसमिशन कम्पनी की कमान अडाणी ग्रुप को सौंपने के सांथ ही विद्युत विभाग के निजीकरण शुरूआत हो गई है। बताया जाता है कि सरकारी स्वामित्व वाली मप्र पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी मुख्य रूप से बिजली की लाईने बिछाने और सब सटेशन निर्माण का काम करती है। जिसे 1200 करोड़ मे अडाणी समूह को सौंप दिया गया है। सरकार के इस निर्णय से जिले के व्यापारी, विद्युत मण्डल के ठेकेदार और युवाओं मे भारी निराशा है। उनका कहना है कि इससे जहां नौकरियों की उम्मीद को एक और झटका लगा है, वहीं मण्डल के निर्माण कार्यो मे लगे सैकड़ों लोगों के हांथ से रोजगार छिन जायेगा। जिसका सीधा असर जिले के व्यापार पर पडऩा तय है।
कई लोगों को मिलता है रोजगार
जानकारों का मानना है कि पावर ट्रांसमीशन कम्पनी मे सैकड़ों अधिकारी और कर्मचारी पदस्थ हैं। सांथ ही कम्पनी द्वारा तार बिछाने, ट्रांसफार्मर, पोल आदि लगाने जैसे औसत और छोटे दर्जे के कार्य स्थानीय ठेकेदारों के माध्यम से कराये जाते है। इस काम मे जिले के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। अब सभी प्रकार का निर्माण अडाणी ग्रुप द्वारा किया जायेगा। ऐसे मे स्थानीय लोगों को कोई नया ठौर तलाश करना होगा।
बिक चुकी हैं 2 कोयला खदाने
उल्लेखनीय है कि वर्षो से जिले का पूरा कारोबार एसईसीएल की कोयला खदानो पर आश्रित है। किसी जमाने मे हर एक खदान मे हजार या इससे ऊपर लोग काम करते थे, पर अब यह संख्या 500 से भी कम रह गई है। सूत्रों के अनुसार अधिकांश खदाने खोखली हो चुकी हैं। सरकार ने नई खदाने निजी हाथों मे सौंपने का मन बना दिया है। इसी साल की शुरूआत मे पाली ब्लाक अंतर्गत शाहपुर की दो कोयला खदाने निजी क्षेत्र की शारदा एनर्जी एण्ड मिनिरल्स एवं चोगुले एण्ड कम्पनी को बेची जा चुकी हैं।
स्थानीय लोगों को धूल और खण्डहर
श्रमिक संगठनो का मानना है कि एसईसीएल की खदाने 40-40 सालों से हजारों कामगारों को नौकरी दे रही हैं। जिनकी तनख्वाह से पूरे जिले के दुकानदारों को कारोबार और सरकार को करोड़ों रूपये टेक्स मिलता है। जबकि वही काम प्रायवेट कम्पनियां दर्जन-दो दर्जन मजदूरों और बड़ी-बड़ी मशीनो से कर दो-तीन साल मे ही सारा कोयला खोद कर ले जायेंगी। इसका पूरा फायदा भी उद्योगपतियों को ही मिलेगा जबकि स्थानीय लोगों को धूल और खण्डहर के सिवाय कुछ भी नसीब नहीं होगा।
मानपुर मे बनेगा सब स्टेशन
बताया गया है कि अडाणी ग्रुप द्वारा जिले के मानपुर मे 220 केवी क्षमता के सब स्टेशन का निर्माण किया जायेगा। इससे क्षेत्र मे लो-वोल्टेज और बार-बार बे्रकडाउन की समस्या से निजात मिलेगी।
भोपाल मे तय होगी आंदोलन की रूपरेखा
मप्र सरकार पूरी तरह से मनमानी पर उतर आई है। ट्रांसमिशन कम्पनी के निजीकरण का फैंसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध मे यूनाईटेड फोरम द्वारा आगामी 23 अक्टूबर को भोपाल मे बैठक बुलाई गई है। जिसमे अंादोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी।
अजय नामदेव
अध्यक्ष
मप्र विद्युत कर्मचारी फेडरेशन
कटनी

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *