पंजाब में भाजपा-अकाली दल का सूपड़ा साफ
चंडीगढ़। किसान आंदोलन के बीच हुए पंजाब के नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा जीत हुई है। सात निकायों में से छह पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है। वहीं, मोहाली के नतीजे गुरूवार को आएंगे। अभी जिन सात नगर निगमों के नतीजे आए हैं उनकी 350 सीटों में से सबसे ज्यादा कांग्रेस के 268 पार्षद जीते हैं। सीटों के लिहाज से दूसरे नंबर पर अकाली दल, तीसरे पर आम आदमी पार्टी और चौथे पर भाजपा रही। 2015 में शिरोमणि अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लडऩे वाली भाजपा इस बार चौथे नंबर पर फिसल गई। पिछली बार अकाली दल और भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। तब सभी 5 नगर निगमों पर भाजपा और अकाली दल का ही कब्जा था। इस बार दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, क्योंकि कृषि कानूनों पर तकरार को लेकर दोनों पार्टी अलग हो चुकी हैं। नगर निगम चुनाव में इस बार 2302 वार्डों के लिए 9,222 उम्मीदवार मैदान में थे। पहली बार 2,832 निर्दलीय चुनाव लड़े । वहीं कांग्रेस के 2,037 और अकाली दल के 1,569 उम्मीदवार थे। भाजपा के 1,003, आप के 1,606 और बसपा के 160 कैंडिडेट्स ने चुनाव लड़ा।
भाजपा के हाथ से निकला पठानकोट
2015 में पठानकोट नगर निगम पर भाजपा का कब्जा था। इस बार यहां की 50 सीटों में से 37 कांग्रेस के पास गई हैं। भाजपा को सिर्फ 11 सीटें मिली हैं, पिछली बार उसे यहां 30 सीटें मिलीं थीं। अकाली दल को भी इस बार सिर्फ 1 सीट मिली है। हालांकि, उसे पिछली बार एक भी सीट नहीं मिली थी।
निकाय चुनावों में कांग्रेस का दबदबा
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