नागरिकों की जिंदगी बनाना और जीवन बचाना सरकार की जिम्मेदारी

:: सरकार और समाज मिल कर प्रदेश को बनाएंगे नशामुक्त ::
:: मुख्यमंत्री चौहान ने दिलाई मध्यप्रदेश को नशामुक्त बनाने की शपथ ::
:: प्रदेश की धरती पर हुक्का लॉउंज नहीं होंगे संचालित ::
:: मुख्यमंत्री चौहान ने किया प्रदेशव्यापी नशामुक्ति अभियान का शुभारंभ ::
:: केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती, योग गुरू बाबा रामदेव हुए शामिल ::
भोपाल/इन्दौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि विकास गतिविधियों के साथ नागरिकों की जिंदगी को बनाना और उनके जीवन को बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। नशा करने से शरीर, मन, बुद्धि और परिवार सभी को नुकसान होता है। नशे के मकड़ जाल में फँसने वाले का जीवन तबाह और बरबाद हो जाता है। समाज को नशामुक्त बनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश के सभी बेटे-बेटियाँ, भाई-बहन आज सब एकजुट होकर प्रदेश को नशामुक्त बनाने की प्रतिज्ञा लें। मुख्यमंत्री चौहान गांधी जयंती से प्रदेश में शुरू हुए राज्य व्यापी नशामुक्ति अभियान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने उपस्थित जन-समुदाय को नशामुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि सरकार और समाज मिल कर प्रदेश को नशामुक्त बनाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। हम वृक्षारोपण, लिंगानुपात, पानी बचाने और नशामुक्ति में भी देश में प्रथम स्थान पर आने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नशामुक्त भारत अभियान में प्रदेश हर संभव योगदान देगा। राज्य व्यापी नशामुक्ति अभियान में प्रत्येक नगर और गाँव में नशामुक्ति के लिए जागरूकता संबंधी गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी।
:: ऐसी आबकारी नीति बनायेंगे, जिससे शराब को प्रोत्साहन न मिले और पीने वालों को भी परेशानी न हो ::
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नशे की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए ऐसी आबकारी नीति बनाई जाएगी, जिससे शराब को प्रोत्साहन नहीं मिले और न पीने वालों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। हुक्का लॉउंज जैसी गतिविधियाँ प्रदेश की धरती पर नहीं चलेंगी। ड्रग्स और अवैध गतिविधियाँ चलाने वालों पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि युवा नशे की ओर जाएँ ही नहीं, इस उद्देश्य से राज्य में खेल और योग गतिविधियों का गाँव-गाँव में विस्तार किया जाएगा। राज्य शासन धर्म गुरूओं और समाज के साथ मिल कर प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए गतिविधियाँ संचालित करेगा। नशे से पीड़ित व्यक्तियों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य कर रही संस्थाओं के साथ मिल कर प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 11 अक्टूबर को “श्री महाकाल लोक” के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने प्रदेशवासियों को उज्जैन आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि उज्जैन नहीं आ सकें तो अपने ग्राम और नगर में ही इस भक्तिमय उत्सवीय वातावरण में अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलित कर भजन-कीर्तन कर कार्यक्रम में भावनात्मक रूप से सहभागी बनें।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जारी नशामुक्त भारत में केंदीय गृह मंत्रालय सहित सभी मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। नशामुक्ति के लिए बनाए गए नवचेतना मॉड्यूल से शिक्षकों और विद्यार्थियों को जागरूक किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि आजादी की लड़ाई जब जन-आंदोलन बनी तो देश आजाद हो गया। इसी प्रकार नशे और शराब से मुक्ति को जन-आंदोलन का स्वरूप देना आवश्यक है। इसके लिए शासन और समाज अपनी-अपनी भूमिका निभाएँ। राज्य सरकार को नियंत्रित शराब वितरण की प्रणाली को क्रियान्वित करने के प्रयास करना होंगे। सुश्री उमा भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान मुख्यमंत्री होने के साथ समाज सुधारक भी हैं। शिवराज सरकार जिस प्रकार से नशामुक्ति के प्रयास कर रही है, उससे शीघ्र ही नशामुक्ति के क्षेत्र में मध्यप्रदेश मॉडल बन कर उभरेगा।
पतंजलि योगपीठ एवं पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक स्वामी बाबा रामदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान का उत्साह हिमालय जैसा है। उनके नेतृत्व में प्रदेश में नशामुक्ति का पवित्र महायज्ञ आरंभ हो रहा है। युवाओं को नशे से बचाने के लिए खेलों को प्रोत्साहन देना आवश्यक है। मध्यप्रदेश भावनाशील, धर्मपरायण और परम्पराओं में विश्वास रखने वाला प्रदेश है। यहाँ से आरंभ होने वाले नशामुक्ति अभियान का प्रभाव पूरे देश में होगा।
श्रीराम चन्द्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश पटेल “दाजी” ने कहा कि नशे को शान समझ कर अपनाने वाला व्यक्ति आगे चल कर नशा लेने के लिए मजबूर हो जाता है। सरकारों के साथ माता-पिता की जिम्मेदारी भी है कि वे बच्चों को ऐसा वातावरण दें जिससे वे नशे की ओर जाएँ ही नहीं।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय, गायत्री परिवार के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंडया ने उपस्थित जन-समुदाय को गायत्री मंत्र का जाप कराने के बाद कहा कि चिंता का विषय है कि भारत के करोड़ों युवा नशे की गिरफ्त में हैं। वर्तमान परिवेश की दृष्टि से यह बहुत आवश्यक और महत्वपूर्ण अभियान है। डॉ. पंडया ने गायत्री परिवार द्वारा नशामुक्ति के लिए चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी भी दी।
आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि नशे से मुक्ति के लिए सभी स्तर पर प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने नशा छुड़ाने के उपायों और घरेलू उपचार की जानकारी भी दी। कार्यक्रम में नशा छोड़ चुके डॉ. राजीव तिवारी ने अपने अनुभव साझा किए।
मुख्यमंत्री चौहान ने श्रीराम चन्द्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश पटेल ‘दाजी’ की पुस्तक “द विजडम ब्रिज” का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा “नशामुक्त भारत” अभियान पर बनाई गई लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कन्या-पूजन तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों और धर्म गुरूओं का शॉल-श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती और स्वामी बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री चौहान का सम्मान किया।
प्रमुख सचिव, समाजिक न्याय और नि:शक्त जन कल्याण प्रतीक हजेला ने बताया कि नशामुक्ति के लिए शुरू किए गए राज्यव्यापी अभियान में स्वैच्छिक संगठनों, धर्मगुरूओं सहित सभी वर्गों की सक्रियता बढ़ा कर जन-सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी शहर और गाँवों में वातावरण निर्माण के लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम, रैलियाँ और मानव श्रंखलाएँ बनाई जाएगी। साथ ही स्कूल कॉलेजों में नुक्कड़ नाटक और विभिन्न प्रतियोगिताएँ भी होंगी। नशामुक्त ग्राम पंचायत को एक लाख रूपए के सम्मान की व्यवस्था है। अभियान में नशाग्रस्त व्यक्ति के प्रारंभिक लक्षणों के प्रति आमजन को जागरूक करने और लोगों को नशामुक्त बनाने के लिए गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी। अभियान में परिवारों को नशामुक्त रखने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
भोपाल के लाल परेड मैदान पर हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल, विभिन्न समाजों के धर्म गुरू, सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाएँ, स्कूल और महाविद्यालयों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

 

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