नर्स और स्टाफ से बदसलूकी करने पर केशव बारी के खिलाफ अपराध दर्ज

नर्स और स्टाफ से बदसलूकी करने पर केशव बारी के खिलाफ अपराध दर्ज
जिला चिकित्सालय के लेबर रूम मे घुसा था आरोपी, दी आग लगाने की धमकी
बांधवभूमि, उमरिया
जीवन मे पहला चुनाव जीतने के बाद से बौराये जिला पंचायत सदस्य केशव बारी की मुसीबतें अब बढऩे वाली हैं। पुलिस ने बीती रात अस्पताल मे बवाल मचाने, स्टाफ नर्स के सांथ अभद्रता, गाली-गलौज और आगजनी की धमकी देने पर उसके खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत सदस्य केशव वर्मा की प्रसूता बहू अंकिता पति गौरव वर्मा 26 गत दिवस दर्द एवं कमज़ोरी के कारण जिला अस्पताल मे भर्ती थी। जिसका तत्काल इलाज किया जा रहा था। शुक्रवार की रात करीब 10.30 बजे अचानक केशव वर्मा अस्पताल पहुंचा और बिना किसी की अनुमति के लेबर रूम मे घुस गया। प्रतिबंधित स्थान मे बिना अनुमति के प्रवेश करने पर वहां मौजूद नर्सिग स्टाफ ने आपात्ति जताई। जिस पर आरोपी भड़क गया और उन्हे भद्दी-भद्दी गालियां देने लगा। वर्मा द्वारा हो-हल्ला करने पर सुरक्षा गार्डो ने उसे समझाने की काफी कोशिश की परंतु शांत नहीं हुआ।
परेशान होते रहे मरीज
आरोप है कि जिला पंचायत सदस्य केशव वर्मा ने स्टाफ से कहा कि सिविल सर्जन को जल्दी बुलाओ नही तो सब के हांथ पैर तोड़ कर जिला अस्पताल मे आग लगा दूंगा। आधी रात के समय जिला पंचायत सदस्य द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के सांथ तेज-तेज आवाज मे बदसलूकी करने से वहां अफरा-तफरी मच गई। इसकी वजह अस्पताल के मरीजों व लेबर रूम मे प्रसव हेतु लाई गई महिलाओं तथा वार्डो मे भर्ती प्रसूताओं व शिशुओं को भारी परेशानी हुई, जिससे काफी रोष फैल गया। उनका कहना है कि ऐसे आचरण करने वाले लोगों को तत्काल सभी पदों से हटाते हुए उनके विरूद्ध तत्काल  कार्यवाही की जानी चाहिये।
कलेक्टर को भी सौंपा ज्ञापन
मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डॉ. केसी सोनी द्वारा थाना कोतवाली मे शिकायत की गई। जिस पर पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य केशव वर्मा के विरुद्ध धारा 353, 186, 506, 3/4 तथा मप्र चिकित्सक या चिकित्सा से संबंधी व्यक्तियों की सुरक्षा अधिनियम 2008 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की है। डॉ. सोनी तथा अस्पताल प्रबंधन ने इस आशय का एक ज्ञापन कलेक्टर डॉ. केडी त्रिपाठी को सौंप कर कार्यवाही की मांग की है।
नहीं उतरी जीत की खुमारी
बताया जाता है कि केशव वर्मा को बड़का नेता बनने का जुनून कई सालों से था। इसके लिये उसने पंचायत से लेकर विधायक तक के कई चुनाव लड़ डाले पर सफलता हांसिल नहीं हुई। आखिरकार बीते साल हुए चुनाव मे वर्मा जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हो गये। इतना ही नहीं वे जिला स्वास्थ्य समिति के सभापति भी बन गये। लंबे सूखे के बाद अचानक मिली यह उपलब्धि वर्मा संभाल नहीं पाये और हर जगह अपनी रसूख का हवाला देकर रंगदारी करने लगे। जिससे अधिकारी, कर्मचारी, व्यापारी सहित हर वर्ग परेशान हो गया। बीती रात किया गया यह विवाद बताता है, उनके जीत की खुमारी अभी भी नहीं उतरी।

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