धूमधाम से मनाया गया कजलियां पर्व
बच्चों ने लिया बुजुर्गो से आशीर्वाद, की धन-धान्य से पूर्णता की कामना
उमरिया। सामाजिक सद्भाव, प्रेम और सम्मान का प्रतीक कजलियां पर्व सोमवार को जिले भर मे उत्साह के सांथ मनाया गया। इस दिन शाम होते ही नदियों के तट पर पूजा-अर्चना के बाद लोगों ने परस्पर कजलियां भेंट कर अपने बड़े-बुजुर्गो से आशीर्वाद प्राप्त किया। उल्लेखनीय है कि कजलियां पर्व का पूरे विंध्य क्षेत्र मे अलग ही महत्व है। यह त्यौहार रक्षाबंधन के दूसरे दिन धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व मूलत: यह अच्छी फसल की कामना के लिये मनाया जाता है। इस दौरान खेतों मे धान के अलावा कई प्रकार की फसलें तैयार होने की स्थिति मे होती हैं। कजलियां पर्व की तैयारी नागपंचमी से ही शुरू हो जाती है। इस पर्व पर घरों मे गेहूं या जौ बोई जाती है। जिन घरों मे बच्चों का मुंडन इत्यादि होना होता है, वहां मक्का और सरसों बोने की भी परंपरा है। रक्षाबंधन तक इनके पौधे तैयार हो जाते हैं, जिन्हे कजलियां कहा जाता है। इस दिन पूजा-अर्चना के बाद लोग अपने गांव, मोहल्लों और शहरों मे गणमान्य नागरिकों, पारिवारिक बड़े-बुजुर्गो को कजलियां भेंट कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
धूमधाम से मनाया गया कजलियां पर्व
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