जयंती पर कांग्रेस ने दी महान शहीद को श्रद्धांजली
उमरिया। शहीद बिरसा मुण्डा ने अपने प्राणो की आहुति देकर आजादी का मार्ग प्रशस्त किया। देश का कण-कण ऐसे वीर सपूतों का ऋणी है, जिन्होने अपना सारा जीवन भारता माता को समर्पित कर दिया। उक्त आशय के उद्गार मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने जिला कांग्रेस तथा पार्टी के आदिवासी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित बिरसा मुण्डा जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश शर्मा, महामंत्री ठाकुरदास सचदेव, प्रवक्ता अशोक गौंटिया, ब्लाक अध्यक्ष अमृतलाल यादव, सेवादल के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजेन्द्र सिंह (अब्बू), आदिवासी कांग्रेस की जिलाध्यक्ष श्रीमती शकुंतला धुर्वे, श्रीमती सावित्री सिंह, मेघा सिंह, गीता सिंह, श्रीमती गीता प्रजापति, प्रांजली सिंह, मयंक सिंह, सुखराज सिंह, रघुनाथ सोनी, गौरीशंकर प्रजापति, सतवंत सिंह, मो. आजाद, ओमप्रकाश सोनी, पीएन राव, राजीव सिंह, शिशुपाल यादव, देवबहादुर सिंह, प्रहलाद यादव, युकां यूथ ब्रिगेड के जिलाध्यक्ष संदीप यादव, श्रीनिवास द्विवेदी, खुर्रम शहजादा, नासिर अंसारी, लालभवानी सिंह, ऋषि रिछारिया, धनीलाल राठौर, लल्ला चौधरी, नानकराम राजपूत, शिव शर्मा, लक्ष्मी गुप्ता सहित कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।
अनेक बार भोगा कारावास
श्री सिंह ने कहा कि बिरसा मुण्डा ने 1 अक्टूबर 1894 को नौजवान नेता के रूप मे अंग्रेजो की लगान के खिलाफ आन्दोलन किया। इसे लेकर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया और हजारीबाग केन्द्रीय कारागार मे दो साल के कारावास की सजा दी गयी। लेकिन बिरसा और उसके शिष्यों ने क्षेत्र की अकाल पीडि़त जनता की सहायता करने की ठान रखी थी। अपने कड़े संघर्ष के कारण वे फिरंगियों के आखों की किरकिरी बन गये। 3 फरवरी 1900 को उन्हे चक्रधरपुर के जमकोपाई जंगल से फिर गिरफ़्तार किया गया। देश के इस महान सपूत ने रांची जेल मे अपने प्राण त्याग दिये।
देश का कण-कण बिरसा मुण्डा का ऋणी
Advertisements
Advertisements
Good day! I could have sworn I’ve been to
this blog before but after reading through some of the
post I realized it’s new to me. Anyhow, I’m definitely happy I found it and I’ll be book-marking and checking back frequently!