देवघर। के त्रिकुट पहाड़ पर हुए रोप-वे हादसे में फंसे लोगों की जान बचाने वाले जांबाजों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार रात सवा आठ बजे संवाद किया। इस दौरान उन्होंने एयरफोर्स, NDRF, ITBP, गरूड़ जवानों, सेना, स्थानीय पन्नालाल और कलेक्टर से बात की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप सभी ने तीन दिनों तक लगकर एक मुश्किल ऑपरेशन को पूरा किया है। सभी ने आपके साहस को सराहा है। हालांकि, कुछ साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाए। मैं सभी घायलों को स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’PM ने कहा, ‘जिसने भी इस ऑपरेशन को टीवी और अन्य माध्यमों से देखा, वो हैरान-परेशान था। आप तो मौके पर थे, परिस्थितियां कितनी मुश्किल है। देश को गर्व है। हमारे पास ऐसी फोर्स है, जो मुश्किल से निकाल सकती है।’ गृहमंत्री ने कहा, ‘सभी के को-ऑर्डिनेशन से मुश्किल ऑपरेशन पूरा किया गया। वह भी बिना कोई गलती किए।’प्रधानमंत्री ने NDRF के SI ओमप्रकाश से पूछा, ‘क्या आप हमेशा तैयार रहते हैं। इस खबर को सुनने के बाद आपकी क्या प्रतिक्रिया रही? इस पर उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही हमने सभी को अलर्ट किया। सभी के साथ मिलकर निकाला। इस पर प्रधानमंत्री ने पूछा कि ट्रॉली में फंसे लोगों को कैसे हौसला दिया। वे लोग रो रहे होंगे। इसके बाद पीएम मोदी ने एयरफोर्स के जवानों से बात की। उन्होंने कहा कि इतनी सारी तारों के बीच हेलिकॉप्टर की तस्वीर भुलाई नहीं जाती। वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वाईके कनधंकर से पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रॉली में जवान जाकर एक-एक को तैयार करता। हमने ऑपरेशन ऊपर से शुरू किया था। पहले खाना पहुंचाया।पहले दिन 22 और दूसरे दिन 13 लोगों को निकाला। प्रधानमंत्री ने गरूड़ जवानों से भी बातें की। सार्जेंट पंकज राणा ने बताया कि ट्रॉली को बाहर से खोलना, उसमें जाना और नागरिकों को सेफ्टी बेल्ट पहनाना और फिर उन्हें निकालना सबसे मुश्किल कार्य था।
पन्नालाल से भी पूछा हाल
PM ने पन्नालाल से पूछा कि आप क्या करते हैं? इस काम के लिए ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है। क्या आपने कहीं से ट्रेनिंग ली। इस पर पन्नालाल बोले कि पहाड़ी पर काम किया है। बता दें, रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सेना और NDRF के जवानों ने भी पन्नालाल के साहस और बहादुरी की खुलकर तारीफ की है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी उन्हें देर शाम एक लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया। यही नहीं गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर उनके सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी है। पन्नालाल ने 11 लोगों को बचाया था। इस दौरान PM ने डीसी मंजूनाथ से पूरे ऑपरेशन की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्दी पर लोगों की बहुत आस्था होती है। संकट में फंसे लोग जब भी आपको देखते हैं तो उनको विश्वास हो जाता है कि उनकी जान अब सुरक्षित है। उनमें नई उम्मीद जाग जाती है।
गृहमंत्री ने कहा- बिना गलती के ऑपरेशन पूरा हुआ
गृहमंत्री अमित शाह ने सभी टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सेना, वायुसेना, SDRF, NDRF और जिला स्तर की टीम ने को-आर्डिनेशन के साथ काम किया। टीमों ने मुश्किल भरे ऑपरेशन को पूरा किया। बिना गलती के यह ऑपरेशन पूरा हुआ।
देवघर के पन्नालाल बचाई 11 लोगों की जान
बसडीहा गांव निवासी पन्नालाल सिंह पेशे से त्रिकुट पहाड़ पर गाइड का काम करते हैं। वह त्रिकुट पहाड़ के पास के ही रहने वाले हैं। दुर्घटना के बाद उन्होंने रस्सी और कुर्सी के सहारे रोप-वे में फंसे 10 से 11 लोगों को ट्रॉली से नीचे उतारा था। एक ओर जहां वायुसेना, आइटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान लगे थे। वहीं, दूसरी ओर कुछ स्थानीय लोग भी उनकी सहायता में पूरे मनोयोग से जुटे थे। इन्हें न तो कोई सरकारी आदेश मिला था और न ही इस रोप-वे पर कोई अपना फंसा था। फिर भी फंसे लोगों को बचाने के लिए उन्होंने न दिन की परवाह की और न रात की चिंता।बताया जाता है कि रविवार रात के अंधेरे में रोप-वे के तार से लटकते हुए वे करीब सौ फीट की दूरी तय कर 18 नंबर केबिन तक पहुंचे। उसके बाद वहां फंसे लोगों तक पानी और खाना पहुंचाया। पूरी रात वह ओपन ट्राली से ऊपर-नीचे करते रहे। ट्राली में फंसे लोगों का वह हौसला बढ़ाते रहे। प्रधानमंत्री ने नसीहत दी कि आगे से ध्यान रखें कि ऐसे हादसे न हों। इसके बाद पीएम मोदी ने थल सेना के ब्रिगेडियर कुलवीर सिंह से बात की।
कमर में रस्सा बांध 40 फीट की ऊंचाई पर
जिसने भी उन्हें अपनी जान हथेली पर रखकर दूसरों की जान बचाते देखा, उसने यही कहा कि दुबले-पतले कद-काठी के पन्नालाल का जिगर लोहे का है। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपनी कमर में रस्सा बांधा और करीब 40 फीट की उंचाई पर केबिन संख्या आठ में फंसे चार लोगों तक पहुंच गए। उसके बाद उन्होंने काफी कुशलता से सभी चार लोगों को बारी-बारी से कुर्सी के सहारे नीचे उतार दिया। इस दौरान लोगों ने ताली बजाकर उनकी हौसला अफजाई की। लोगों ने सेना और वायु सेना के जवानों के कार्यों को भी काफी सराहा। उनके लिए भी लोगों ने काफी ताली बजाई। इसके साथ ही वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे से पहाड़ के ऊपर का हिस्सा गुंजायमान हो गया। लोगों ने राहत कार्य में जुड़े लोगों की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया।