पूर्व सांसद ज्ञान सिंह के मुख्य अतिथ्यि मे गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता संपन्न
बांधवभूमि, उमरिया
भारतीय उन्नत नस्ल दुधारू गायों की जिला स्तरीय दुग्ध उत्पादन प्रतियोगिता का आयोजन गत दिवस स्थानीय उप संचालक पशु चिकित्सा कार्यालय मे पूर्व सांसद ज्ञान सिंह के मुख्य अतिथ्यि मे हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा भारतीय उन्नत नस्ल की गायों के पालन को बढ़ावा देने हेतु पशुु विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमे आचार्य विद्या सागर योजना प्रमुख है। इसके अलावा जनपद से राज्य स्तर तक गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है। शासन की मंशा है कि मध्यप्रदेश पशु पालन के सांथ दुग्ध उत्पादन मे भी आत्मनिर्भर बने और किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हों। उन्होने प्रतियोगिता मे प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले पशुपालकों को बधाई और शुभकामनायें प्रेषित कीं।
गौवंश संवर्धन के लिए संकल्पित प्रदेश सरकार
कार्यक्रम मे दिलीप पाण्डेय ने कहा कि गौवंश के संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। इसके लिए गौ संवर्धन बोर्ड गठित किया गया है। गौ पालन को बढावा देने हेतु आचार्य विद्या सागर योजना लागू की गई है। बकरी पालन हेतु ऋ ण एवं अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा पशुओं के उपचार और सलाह के लिये समय समय पर कार्यक्रम संचालित किये जाते हैं। कार्यक्रम को राकेश शर्मा ने भी संबोधित किया।
ये पशु पालक हुए पुरूस्कृत
इस दौरान पशु पालक रवि कुशवाहा जनपद पंचायत करकेली की राठी गाय को प्रथम स्थान मिला। जिसका प्रतिदिन औसत उत्पादन 12.57 लीटर था। श्री कुशवाहा को 51 हजार रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी तरह राम खेलावन निवासी ग्राम किरनताल के गिर नस्ल की गाय द्वितीय स्थान पर रही जिसका औसत उत्पादन 10.728 लीटर रहा। इन्हे 21 हजार रूपये का पुरस्कार प्राप्त हुआ। तृतीय स्थान ओम प्रकाश यादव निवासी वार्ड नंबर 10 पाली की शाहीवाल गाय को मिला जिसका प्रतिदिन औसत दुग्ध उत्पादन 2.28 लीटर रहा। इन्हें 11 हजार रूपये का पुरस्कार दिया गया। बताया गया है कि प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता मे भाग लेने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर धनुषधारी सिंह, नीरज चंदानी, सुमित गौतम, उप संचालक डॉ. एचपी शुक्ला, उप पंजीयक आशीष श्रीवास्तव, विनय खरे, शैलेंद्र मिश्रा, ललन पयासी सहित पशु पालक, पशुु चिकित्सक तथा विभागीय अमला उपस्थित था।
दुग्ध उत्पादन मे आत्मनिर्भर हो प्रदेश
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