दस घंटे देरी से पहुंची अमरकंटक

दस घंटे देरी से पहुंची अमरकंटक
मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने से लेट हुई ट्रेन, कोयला भी कर रहा डिस्टर्ब
बांधवभूमि,उमरिया
जबलपुर-इटारसी रेलखण्ड अंतर्गत बनखेड़ी और पिपरिया के बीच रविवार को कोयले से भरी मालगाडी पटरी से उतरने का असर साऊथ कटनी-बिलासपुर रेलमार्ग से गुजरने वाली यात्री ट्रेनो पर भी पड़ा है। इसी के कारण भोपाल से चल कर दुर्ग जाने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस सोमवार को करीब 10 घंटे से देरी से उमरिया पहुंची। सूत्रों के मुताबिक हादसे की वजह से यह गाड़ी भोपाल से सायं 4.11 बजे की बजाय रात्रि 12.21 पर रवाना हुई। ट्रेन लेट होने के चलते यात्रियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। लोगों ने बताया कि वे भोपाल तो 4 बजे ही पहुंच गये थे, पर ट्रेन का रैक प्लेटफार्म पर करीब 8 घंटे बाद लगा। इस दौरान इस भीषण गर्मी मे उन्हे स्टेशन पर ही बैठना पड़ा। ट्रेन मे ऐसे कई यात्री थे जो वैवाहिक कार्यक्रम और जरूरी कार्यो के लिये निकले थे, वे भी समय पर नहीं पहुंच सके।
रेलवे की स्वीकारोक्ति
रेलवे सूत्रों के मुताबिक रेलवे प्रशासन अब खुल कर यह स्वीकार कर रहा है कि कोयला परिवहन के कारण ही यात्री गाडिय़ां लेट हो रही हैं। जबकि बांधवभूमि पिछले दो वर्षो से लगातार यही आशंका व्यक्त कर रहा था, कि उद्योगपतियों का कोयला निकालने के कारण ही पैसेंजर गाडिय़ों को निलंबित किया जा रहा है। हलांकि रेलवे इसके पीछे कभी इंटरलॉकिंग तो कभी अन्य कारणों का हवाला देता रहा है।
वर्षो से जारी शोषण का सिलसिला
गौरतलब है कि बीते करीब तीन वर्षो मे शहडोल संभाग से आवागमन करने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनो को बार-बार रद्द किया गया है। जिससे यात्री सेवायें पूरी तरह चरमराई गई है। अभी भी दर्जनो ट्रेने बंद पड़ी हैं। हालत यह है कि लोगों को जिला मुख्यालय से कटनी, जबलपुर, सतना, रीवा, शहडोल आदि स्थानो पर जाने के लिये ट्रेनो के लाले पड़ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि कोयले का संकट तो अभी आया है, परंतु इस क्षेत्र की ट्रेनो को रद्द करने का सिलसिला वर्षो से चल रहा है। इसका प्रमुख कारण दिल्ली की नुमाईन्दगी करने वाले जनप्रतिनिधि हैं, जो जनता से वोट लेने तो पहुंच जाते हैं लेकिन उनके सांथ होने वाले अन्याय के लिये कभी आवाज नहीं उठाते।
विलंब से चल रहीं कई ट्रेन
बताया गया है कि बीते कुछ समय से संभाग से आवागमन कर रही कई यात्री गाडिय़ां अपने निर्धारित समय से देरी पर चल रही हैं। बीते सोमवार को कटनी-बिलासपुर मार्ग से जाने वाली छपरा दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस बिरसिंहपुर 1.48 घंटे लेट पहुंची। इसके अलावा कलिंग उत्कल 2 घंटे, नौतनवा 40 मिनट, छग संपर्क क्रांति 19 मिनट, बरौनी-गोंदिया 3 घंटे और नर्मदा 21 मिनट देरी से उमरिया आई। इसके अलावा बिलासपुर-कटनी मार्ग पर चलने वाली कलिंग उत्कल भी 2.30 घंटे और छग संपर्क क्रांति एक्सप्रेस 1 घंटा देरी से चल रही है।

 

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