जिले मे एड्स के 232 मरीज

जिले मे एड्स के 232 मरीज

घट रही है रोगियों की संख्या, पिछले साल 6-इस वर्ष मिले 4 संक्रमित

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
दुनिया भर मे तहलका मचाने वाली घातक महामारी एड्स आज भी लाइलाज है। एक बार इसके चंगुल मे आया व्यक्ति नकेवल जीवन के बचे हुए दिन गिनने लगता है, बल्कि उससे नये रोगियों के पनपने की आशंका भी बनी रहती है। असुरक्षित यौन संबंधों से फैलने वाले इस रोग का कोई सटीक इलाज अभी तक नहीं मिल पाया है। इसलिये सिर्फ सतर्कता ही इससे बचाव का एकमात्र उपाय है। जिले मे 232 एचआईवी पॉजिटिव चिन्हित किये गये हैं। जिले के एड्स नियंत्रण विभाग के प्रभारी डॉ. मुकुल तिवारी ने बताया कि वर्ष 2022-23 मे 6 नये मरीज पाये गये थे, परंतु इस बार मात्र 4 रोगी ही मिले हैं। हलांकि जानकार इस संख्या से इत्तफाक नहीं रखते। उनका मानना है कि कई मरीज, लक्षण होने के बावजूद बदनामी और डर के कारण एड्स की जांच नहीं कराते, जिसकी वजह से रोगियों की सही स्थिति सामने नहीं आ पाती।

संक्रमण का पहला चरण
एड्स का फुल फार्म (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिण्ड्रोम) है। यह एक ऐसी बीमारी है जो बिना किसी लक्षण के लंबे समय तक बढ़ सकती है। एक्यूट एचआईवी इनफेक्शन यह एचआईवी संक्रमण का पहला चरण है। आमतौर पर इसके लक्षण संक्रमण के तुरंत बाद प्रकट नहीं होते, इसीलिए जब लोग एचआईवी से संक्रमित होते हैं तो वह तुरंत कुछ नहीं जान पाते। शुरुआती लक्षण दिखने मे लगभग 2 से 4 सप्ताह लगते हैं। यह चरण तब शुरू होता है जब एचआईवी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह चरण को प्राथमिक एचआईवी संक्रमण या क्यूट रेट्रोवायरल सिंड्रोम भी कहा जाता है। फ्लू जैसी बीमारी इस चरण मे एक मुख्य लक्षण है।

हार जाती है प्रतिरक्षा प्रणाली
एचआईवी संक्रमण के दूसरे चरण मे प्रतिरक्षा प्रणाली एचआईवी के साथ लड़ाई हार जाती है और फ्लू जैसे लक्षण गायब हो जाते हैं। अन्य लक्षण दिखने मे महीनों या साल लग सकते हैं। इस अवस्था में शरीर मे वायरस बढऩे लगता है, जो धीरे-धीरे प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है। मरीज बीमार दिखता है या महसूस नहीं कर सकता है।  इसलिए संभावना है कि वह दूसरों को एचआईवी पास कर सकता है, अत: एचआईवी के लिए शुरुआती परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।

इस तरह फैलती है बीमारी
एडवांस इंफेक्शन एचआईवी संक्रमण का तीसरा और उन्नत चरण है, जिसमे मरीज का सीडी-4 टी सेल की संख्या 200 से नीचे चली जाती है और प्रतिरक्षा बहुत ही कम हो जाती है। एचआईवी संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित संभोग करने, रक्त आधान द्वारा मां से बच्चे ( जन्म के समय) तक स्तनपान द्वारा भी फैल सकता है। ओरल सेक्स के तथा कुछ मामलो मे यह गहरी चुंबन द्वारा भी संभव हो सकता है। हाईपोर्डमिक सुईयों के उपयोग व एक संक्रमित दाता के प्राप्त अंगदान के जरिये संक्रमण की संभावना बनी रहती है।
कल से एड्स जागरूकता पखवाड़े का आयोजन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर से 15 दिसम्बर 2023 तक विश्व एड्स दिवस पखवाड़ा आयोजित किया जायेगा। इस दौरान विभिन्न गतिविधियां संचालित की जायेंगी। जिनमे एचआईवी, एड्स जागरूकता हेतु रैली, परिचर्चा, कैंडल मार्च, पोस्टर प्रतियोगिता ओपन क्विज आदि शामिल हैं। अभियान के पहले दिन 1 दिसंबर को प्रात: 9 बजे जिला चिकित्सालय से प्रभात फेरी रैली निकाली जायेगी। इसी दिन रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जायेगा। डॉ. मेहरा ने  शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, स्वयंसेवी संस्थाओं समेत समस्त गणमान्य नागरिकों से कार्यक्रमो मे सहयोग की अपील की है।

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