जिले भर में फैला पशुओं का कोरोना
महामारी जैसे हैं लंपी वायरस के लक्षण, अब तक कई जानवरों की हो चुकी मौत
बांधवभूमि, उमरिया
जिले में इन दिनों दुधारू पशुओं में फैले जानलेवा लंपी वायरस ने कोहराम मचा दिया है। इस बीमारी से हज़ारों गाय, बैल, भैंस ग्रसित हैं, जबकि कई की अब तक मौत हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक इसके लक्षण भी तीन साल पहले दुनिया भर में कहर बरपाने वाले कोरोना से मिलते जुलते हैं। यह बेहद संक्रामक है, और एक जानवर से दूसरे में फैलता है। इसके संक्रमण से पशु को सर्दी, खांसी और बुखार होता है। वैसे तो इसका असर सप्ताह भर रहता है। जो दवाई से ठीक हो जाता है, परंतु इससे कम इम्युनिटी वाले और कमजोर जानवरों की जान भी चली जाती है।
वायरस से फैलता है रोग
लंपी एक त्वचा रोग है, जो वायरस से फैलता है और गाय-भैंसों में प्रमुखता से असर करता है। यह विषाणु जनित संक्रामक बीमारी भी है, इसीलिए बेहद खतरनाक होने के साथ इलाज मे समय लेती है। पशुओं में यह वायरस बहुत तेजी से अपने पांव पसारता है, इसके लिए वह खास माध्यम का सहारा लेता है।अगर कोई पशु लंपी वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसके शरीर पर परजीवी कीट, किलनी, मच्छर, मक्खियों से और दूषित जल, दूषित भोजन और लार के संपर्क में आने से यह रोग अन्य पशुओं में भी फैल सकता है। इस रोग से प्रभावित पशुओं में मृत्यु दर बहुत कम होती है और सामान्य तौर पर 2 से तीन हफ्ते में पशु स्वस्थ हो जाता है। लंपी बीमारी जूनॉटिक नहीं है, इसलिए यह संक्रमण इंसानों मे नहीं फैलता।
मुंह से निकलती लार
लंपी वायरस से संक्रमित पशु को हलका बुखार रहता है।
मुंह से लार अधिक निकलती है और आंख-नाक से पानी बहता है। पशुओं के लिंफ नोड्स और पैरों में सूजन रहती है। संक्रमित पशु के दूध उत्पादन में गिरावट आ जाती है।गर्भित पशु में गर्भपात का खतरा रहता है और कभी-कभी पशु की मौत भी हो जाती है।
पशु के शरीर पर त्वचा में बड़ी संख्या में दो से पांच सेमी आकार की कठोर गठानें बन जाती हैं।
रोकथाम और बचाव के उपाय
जो पशु संक्रमित हो उसे स्वस्थ पशुओं के झुंड से अलग रखें ताकि संक्रमण न फैले। कीटनाशक और बिषाणुनाशक से पशुओं के परजीवी कीट, किल्ली, मक्खी और मच्छर आदि को नष्ट कर दें।
पशुओं के रहने वाले बाड़े की साफ-सफाई रखें।
जिस क्षेत्र में लंपी वायरस का संक्रमण फैला है, उस क्षेत्र में स्वस्थ पशुओं की आवाजाही रोकी जानी चाहिए।
किसी पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखें तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
संक्रमित क्षेत्र में जब तक लंपी वायरस का खतरा खत्म न हो, तब तक पशुओं के बाजार मेले आयोजन और पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगनी चाहिए।
स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराना चाहिए ताकि अगली बार उन्हें किसी तरह का संक्रमण न हो।
पशु पालकों की मदद करे प्रशासन
जिले में फैली गंभीर बीमारी से लगातार पशुओं की मौत हो रही है। इस रोग के कारण उमरिया से लेकर सुदूर अंचलों तक में तबाही मची हुई है। जानवरों को ना तो इलाज मिल रहा है और ना ही दवाएं। कई परिवारों का जीवन यापन पशुधन पर आश्रित है। सरकार और प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए गंभीर कदम उठाये तथा पशु पालकों की हर सम्भव मदद की जाय।
अजय सिंह
अध्यक्ष
जिला कांग्रेस कमेटी, उमरिया
विभाग मुस्तैद और सतर्क
विभाग जिले में फैली लंपी वयरस बीमारी को लेकर मुस्तेद और सतर्क है। कर्मचारियों की टीम ग्रामीण अंचलों में संक्रमित पशुओं का इलाज और लोगों को आवश्यक समझाइश देने में जुटी हुई है। शहरी क्षेत्रों के अस्पतालों में भी ज़रूरी इंतज़ाम किये गए हैं।
केके पांडे
उप संचालक
पशु चिकित्सा सेवाएं, उमरिया