कर्मचारियों ने लगाये गंभीर आरोप, आज से हड़ताल पर जाने की घोषणा
उमरिया। जिले के पंचायत कर्मचारियों ने जिला पंचायत के सीईओ अंशुल गुप्ता पर प्रताडऩा, मनमानी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए आज से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। उनका कहना है कि सीईओ श्री गुप्ता ने नकेवल अपने फायदे के लिये प्रधानो, सचिवों और ग्रामसभा के सारे अधिकार छीन कर अपने पास रख लिये हैं बल्कि उनका दुरूपयोग कर अनैतिक आदेश भी पारित कर रहे हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा अपने अधिकारों का बेजा इस्तेमाल कर रात-दिन मेहनत करने वाले उप यंत्रियों और सचिवों को परेशान किया जा रहा है। संयुक्त मोर्चा अधिकारी, कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को सौंप कर कहा है कि जब तक सीईओ अंशुल गुप्ता को नहीं हटाया जाता, तब तक वे काम करने मे असमर्थ हैं।
खुद ही कर रहे कार्यो का चयन
संयुक्त मोर्चा अधिकारी, कर्मचारी संघ द्वारा सौंपे गये ज्ञापन मे कहा गया है कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंशुल गुप्ता ने मनरेगा की मूलभावना को ही नष्ट कर दिया है। नियमानुसार प्रशासकीय कार्य की जीपीडीपी ग्रामसभा मे तय होनी चाहिये, परंतु ऐसा न कर सीईओ जिला पंचायत मे बैठ कर सारे कार्य खुद ही चयन कर लेते हैं। उमरिया मप्र का एकमात्र ऐसा जिला है जहां निर्माण कार्यो का चयन ग्रामसभा की बजाय सीईओ कर रहे हैं। जो कि बेहद आपत्तिजनक हैं।
6 हजार का एन्सीनेटर 60 हजार मे
बताया गया है कि अंशुल गुप्ता ने जिला प्रशासन को अंधेरे मे रख कर बिजली फिटिंग और एन्सीनेटर की खरीदी मे करोड़ों रूपये का भ्रष्टाचार किया गया है। उनके द्वारा बाजार मे मात्र 6 हजार रूपये मे उपलब्ध एन्सीनेटर की खरीदी 60 हजार रूपये मे करवाई गई है। इसी तरह बिजली फिटिंग के काम मे भी लाखों रूपये की धांधली हुई है।
करते हैं अभद्र भाषा का प्रयोग
कर्मचारियों का आरोप है कि सीईओ श्री गुप्ता उनके सांथ बैठकों मे कई बार गाली-गलौज और अभद्रता पर उतर आते हैं। इतना ही नहीं अपनी समस्या के लिये आवेदन लेकर पहुंची महिला कर्मियों को भी उनकी असंसदीय भाषा का शिकार होना पड़ता है। अधिकांशत: वे कर्मचारियों को जानबूझ कर रात्रि 12 बजे के बाद मैसेज करते हैं। गलती से मैसेज न पढऩे पर वे संबंधित कर्मचारियों को निलंबित कर देते हैं।
धारा 40 और 52 का दुरूपयोग
अपनी अन्य खूबियों के अलावा सीईओ महोदय धारा 40 और 52 का दुरूपयोग करने से कभी नहीं चूकते। संघ का कहना है कि जो मैदानी अमला हर समय पूरी इमानदारी के सांथ शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने मे जुटा हुआ है उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तक जारी किये जा रहे हैं। ऐसे अधिकारी के सांथ काम करना अपनी नौकरी और सम्मान को खत्म करने जैसा है। अत: सीईओ जिला पंचायत को तत्काल जिला पंचायत से हटाया जाय। कर्मियों का कहना है कि उक्त मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
निर्दोष को नहीं होगी परेशानी
जिले मे यदि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान किया गया तो जांच करा कर उचित कार्यवाही की जायेगी।
संजीव श्रीवास्तव
कलेक्टर, उमरिया