बहराधाम मे राम.रावण युद्ध देखने उमड़ा अपार जनसमूह
उमरिया। जिले की सामाजिकए साहित्यिक और धार्मिक संस्था श्री रघुराज मानस कला मंदिर द्वारा बहराधाम में आयोजित रामलीला मे श्रीराम.रावण युद्ध का मंचन पूर्व की तरह इस बार भी ख्याति के अनुरूप ऐतिहासिक रहा। असत्य और अहंकार के प्रतीक दशानन के धराशाई होते ही चहुंओर जय श्रीराम का उदघोष गूंज उठा।जिसके बाद बहराधाम में बनाये गए विशाल रावण के पुतले का दहन आकर्षक आतिशबाजी के बीच हुआ। यह विहंगम दृश्य देखने हज़ारों की संख्या मे लोगों की भीड़ उमड़ी। इस महान धार्मिक आयोजन में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव सपत्नीक पत्नीक सहभागी बने और माता अन्नपूर्णा का प्रसाद ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि बहराधाम मे श्रीराम लीला का यह 120वां वर्ष था।
परंपराओं के पालन की परंपरा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अजय सिंह ने कहा कि 120 वर्ष पूर्व नगर के बुजुर्गों ने रामलीला की शुरुआत की थी। तमाम उतार चढ़ावों के बावजूद नागरिकों के सहयोग के कारण ही यह आयोजन अनवरत रहा है। क्योंकि परंपराओं का पालन ही हमारी परंपरा है। श्री सिंह ने कहा कि देश आज कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। इसका मुकाबला सतर्क रह कर ही किया जा सकता है। जहां धर्म है वहां अनुशासन है और जिस स्थान पर धर्मपरायण लोग रहते हैंए वहां आपदाएं नहीं आती। उन्होंने मातेश्वरी और भगवान श्रीराम के जयकारों के साथ जिलेवासियों को विजयादशमी की बधाई और शुभकामनाएं दीं।
ये भी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में दैनिक बांधवभूमि के संपादक राजेश शर्मा, ठाकुरदास सचदेव, त्रिभुवन प्रताप सिंह, रघुनाथ सोनी, संजय गुप्ता, गोपाल खंडेलवाल, संदीप शाहा, राजीव सिंह, शिशुपाल यादव, ताजेंद्र सिंह, कल्लू गुप्ता, लालभवानी सिंह, डा. गुप्ता, माधव हेमनानी, उदयप्रताप सिंह, अशोक खट्टर, धनप्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में संस्था के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे।
मंगलभवन मे हुआ रावण दहन
विजयादशमी पर सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति द्वारा मंगल भवन मे रावण दहन का आयोजन किया गया। जिसमे कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने सपत्नीक भाग लिया। समिति का यह 17वां दशहरा उत्सव कार्यक्रम था। दशहरा समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जिलेवासियों से कोरोना संक्रमण के उपाय अपनाते हुए मास्क का उपयोग करने, सामाजिक दूरी बनाये रखने, साबुन पानी से बार-बार हांथ धोने की अपील की। इस अवसर पर आयोजन समिति के दिलीप पाण्डेय, राकेश शर्मा तथा शंभू खट्टर द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय सेवकों को सम्मानित किया गया।
मातेश्वरी को दी गई विदाई
शारदेय नवरात्र की दशमी तिथि विजयादशमी पर मातेश्वरी को भावभीनी विदाई दी गई। इससे पूर्व पण्डालों मे माता दुर्गा की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की गई तत्पश्चात बैण्ड बाजों के सांथ उन्हे जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये विसर्जन कुण्डों तक पहुंचाया गया। गौरतलब है कि विसर्जन के दौरान भीड़भाड़ को नियंत्रित करने कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निर्देश पर शहर मे इस बार तीन विसर्जन कुण्ड बनाये गये थे। जहां पर अलग-अलग क्षेत्रों मे विराजमान प्रतिमाओं का ससम्मान विसर्जन किया गया।
मुस्तैद रहा प्रशासनिक अमला
विजयादशमी पर जिले भर मे सुरक्षा के कड़े इंतजामात किये गये थे। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव तथा पुलिस कप्तान वीके शाहवाल, एडीएम अशोक ओहरी, एसडीएम अनुराग सिंह पूरे अमले के सांथ शहर का भ्रमण करते हुए सरकारी अमले को निर्देश देते रहे।