छात्रवास पर बुरी आत्माओं का साया?
अंधविश्वास के इर्द-गिर्द घूम रही बेलसरा मे बच्चियों के बेहोंश होने की कहानी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
जिले के नौरोजाबाद तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बेलसरा स्थित कन्या छात्रावास मे गत मंगलवार को रहस्यमयी तरीके से छात्राओं के बेहोंश हो जाने के बाद जहां कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य द्वारा संस्था की वार्डन केतकी सिंह धुर्वे को निलंबित कर दिया गया है। वहीं इस घटना को लेकर कई नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इनमे सबसे अहम बात यह है कि छात्रावास मे पढऩे वाली बच्चियों से लेकर वहां पदस्थ वार्डन तक बुरी तरह अंध विश्वास का शिकार थीं। इन्हीं मे से कुछ लोगों मानना है कि उक्त छात्रावास भवन श्मसान के करीब बना है, और इसी वजह से यहां का वातावरण ठीक नहीं था।
वार्डन भी हो गई थी मूर्छित
उन्होने दावा किया कि छात्रावास पर बुरी आत्माओं का साया है। जिसके कारण वहां लगातार आश्चर्यजनक घटनायें घटती रहती थी। यहां पढऩे वाली बच्चियां बेवजह चीखने, चिल्लाने के सांथ बेहोंश होने लगती थीं। ख्ुाद वार्डन केतकी सिंह को भी इसी तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा था। गत दिवस बच्चियों के सांथ वह भी बेहोंश हो गई। परिवार के लोगों ने बताया कि वार्डन छात्राओं को छोड़ कर नहीं गई थी, बल्कि उसे मूर्छित हालत मे घर ले जाया गया था। बताया गया है कि अभी भी केतकी सिंह की हालत अच्छी नहीं है।
पुलिस को सौंपी जाय जांच
छात्रावास से जुड़े सूत्रों ने बताया कि संस्था मे आये-दिन सामने आ रही परेशानियों का कोई निदान न होने के बाद मजबूरन वार्डन ने झाड़-फूंक का सहारा लेना पड़ा। इससे फायदा भी हुआ, परंतु स्थाई हल नहीं निकल पा रहा था। परेशान हो कर वार्डन ने विभाग के समन्वयक को उसे वहां से स्थानांतरित करने का आग्रह करना पड़ा। हलांकि उसको नहीं हटाया गया। दूसरी ओर जानकार यह तथ्य मानने से इंकार कर रहे हैं। वे पूरी कहानी को कुछ शरारती तत्वों द्वारा रची गई हरकत करार दे रहे हैं। वे बताते हैं कि बेलसरा छात्रावास मे होने वाली शरारत मे उन्हीं लोगों का हांथ है जिनके स्थान पर केतकी सिंह को वार्डन बनाया गया है। लिहाजा इस पूरे मामले की जांच पुलिस से कराई जानी चाहिये, तभी असली सच्चाई सामने आ सकेगी।
यह बना निलंबन का कारण
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य द्वारा सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय चरगवां एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालिका छात्रावास बेलसरा की अधीक्षिका केतकी सिंह धुर्वे के निलंबन आदेश मे उल्लेखित है कि छात्रावास संचालन की व्यवस्था, रख रखाव एवं बच्चों के भोजन इत्यादि की व्यवस्थायें ठीक नही थी। निरीक्षण के दौरान दर्ज 77 बालिकाओं मे से मात्र 12 ही उपस्थित पाई गई। शेष के अभिभावको के साथ घर चले जाना बताया गया। यह परिस्थिति गंभीर लापरवाही के कारण उत्पन्न हुई है। बच्चियों के बेहोंश होने के बाद वार्डन वहां से चली गई थीं। ऐसी अतिसंवेदनशील स्थिति मे जब उनसे संपर्क का प्रयास किया गया तो उनके द्वारा फोन नही उठाया गया और न ही इस संबंध मे वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित ही किया गया। जो कि पदीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता तथा अनुशासनहीनता की श्रेणी मे आने से छात्रावास अधीक्षिका को मप्र सिविल सेवा नियम के तहत निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि मे उनका मुख्यालय जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र जिला-उमरिया नियत किया गया है।