गंभीर मरीजों को अस्पतालों में आक्सीजन बेड नहीं, मोर्चरी के फ्रिजर में भी शव रखने की जगह नहीं
दुर्ग। देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आज करीब 90 हजार कोरोना मामले सामने आए हैं। इस बीच, देश में महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में हालात फिर से बेकाबू होते जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कोरोना की दूसरी लहर प्रचंड रूप धारण करती जा रही है। यहां दुर्ग जिले में तो कोरोना अब काबू से बाहर होता नजर आ रहा है। जिले में कोरोना ने हाहाकार मचा रखा है। यहां हालात ये चुके हैं कि श्मशान में जगह कम पड़ रही है। दुर्ग में कोरोना से मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस कारण श्मशान घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी जगह कम पड़ रही है। छत्तीसगढ़ में सरकार बेकाबू होते कोरोना पर काबू पाने के लिए प्रशासन की ओर से हर संभव कोशिश का दावा कर रहा है, लेकिन स्थिति फिलहाल नियंत्रण से बाहर ही नजर आ रही है। दुर्ग जिला अस्पताल की मोर्चरी से भयावह तस्वीर सामने आई। गंभीर मरीजों को अस्पतालों में आक्सीजन बेड नहीं मिल रहे हैं वहीं रोजाना होने वाली मौतों की वजह से मोर्चरी के फ्रिजर में भी शव रखने की जगह नहीं है। यहां कुल 22 शव कोरोना के संदिग्ध मरीजों के 12 बाई 18 के कमरे में रखे गए थे। इसमें 8 शव फ्रिजर और शेष 14 शव खुले में बेतरतीब ढंग से पड़े हुए थे। दुर्ग में जिला प्रशासन ने पूर्ण लाकडाउन का आदेश जारी कर दिया है। छह से 14 अप्रैल तक दुर्ग जिला पूरी तरह लाक रहेगी। वहीं, बेमेतरा जिला के शहरी सीमा में दोपहर दो बजे के बाद लाकडाउन का फैसला किया गया है। प्रदेश के कई जिलों में साप्ताहिक बाजारों पर भी रोक लगा दी गई है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी अधिकारियों- कर्मचारियों की छुट्टी रद कर दी है। प्रदेश के 20 जिलों में नाइट कफ्र्यू लगाना पड़ा है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना से हुई इतनी मौतें कि श्मशान में कम पड़ी जगह, लॉकडाउन लगाया गया
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