छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन से पहले ईडी के छापे से पूरे प्रदेश में आक्रोश

ईडी दफ्तर में बवाल, लाठियां चली, सीआरपीएफ जवानों ने कांग्रेसियों पर डंडा चलाया, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने किया जोरदार विरोध
नई दिल्ली/रायपुर । रायपुर में कांग्रेस महाधिवेशन की तैयारियां जोरों पर है। इस बीच महाधिवेशन से 4 दिन पहले यानी सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस के कई नेताओं के यहां छापेमारी की है। इससे दिल्ली से लेकर रायपुर तक उसने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी कड़ी में सोमवार शाम को रायपुर के प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय के बाहर युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने घेराव कर दिया। सीआरपीएफ जवानों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। लाठियां भी चली। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार दोपहर प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और अपने 9 मंत्रियों साथ राजीव भवन पहुंचे। उन्होंने ईडी के छापे को राजनीतिक हमला बताते हुए कहा, कांग्रेस ऐसी दमनकारी कार्रवाई के आगे झुकेगी नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर यह कार्रवाई हुई है, ताकि महाधिवेशन को बाधित किया जाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, जब-जब कांग्रेस पार्टी कोई बड़ा कदम उठाती है, यहां छापे पड़ते हैं। कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस यूनिट को झारखंड चुनाव की जिम्मेदारी दी थी। हम लोग झारखंड गये, सभी मंत्री और पदाधिकारी वहां गये थे। झारखंड चुनाव का परिणाम आने के कुछ दिनों बाद छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग का पहला छापा पड़ा। दूसरा छापा तब पड़ा जब हम लोग असम चुनाव में गये थे। तीसरा तब पड़ा जब हम लोग उत्तर प्रदेश गये थे। चौथा छापा हिमाचल प्रदेश चुनाव के समय पड़ा। हम लोग हिमाचल प्रदेश से लौटे और छापा पड़ा। अब जब कांग्रेस का राष्ट्रीय महाधिवेशन होने वाला है। हम लोग चर्चा ही कर रहे थे कि हो सकता है छापा पड़े और छापा पड़ ही गया।
कांग्रेस जब अंग्रेजों से नहीं डरी तो वह इनसे क्या डरेगी
मुख्यमंत्री ने इस छापे को कांग्रेस महाधिवेशन को असफल करने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा, हम लोग भी इस तैयारी में है कि भाजपा सरकार कितनी भी कोशिश कर ले हम महाधिवेशन में असफल नहीं होंगे। यह सीधा-सीधा राजनीतिक दबाव के चलते की गई कार्रवाई है। हमारे विधायकों के यहां, पार्टी पदाधिकारियों के यहां छापा डालने का मतलब क्या है। वे संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि आप काम मत करो। मुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस पार्टी जब अंग्रेजों से नहीं डरी तो वह इनसे क्या डरेगी। जितना जुल्म करना है कर लें, जनता देख रही है। मुख्यमंत्री के साथ गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि ईडी ने कांग्रेस के जिन पदाधिकारियों के यहां छापा डाला है, वे सभी महाधिवेशन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों पर हैं। रामगोपाल अग्रवाल प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं, गिरीश देवांगन को प्रदेश प्रभारी ने महाधिवेशन में बड़ी जिम्मेदारी दी है। विधायक देवेंद्र यादव, प्रवक्ता आरपी सिंह, विनोद तिवारी इसी काम से जुड़े हुए हैं। सन्नी अग्रवाल का इसमें क्या रोल हो सकता है। इसका एक ही मकसद है कि महाधिवेशन से पहले कांग्रेस में अफरातफरी मच जाए।
एजेसियों का हो रहा राजनीतिक दुरुपयोग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पहले कहीं छापा पड़ता था तो लोग सोचते थे कि ईडी-आईटी-सीबीआई का छापा पड़ा है तो कोई गंभीर बात जरूर होगी। कहीं कुछ गलत किया होगा तो छापा पड़ा है। लेकिन अब पूरा देश जान चुका है कि ऐसी रेड के सिर्फ राजनीतिक मायने हैं। राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। जनता इनको समझ रही है। अगर पुराने मामले की बात कर रहे हैं तो यह छापा महीने-दो महीने पहले भी कर सकते थे। अधिवेशन के बाद भी कर सकते थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, रमन सिंह जो 15 साल में नहीं कर पाये, वह कांग्रेस सरकार ने अपने चार साल में कर दिया है। इस सरकार ने जनता का दिल जीता है। इससे भाजपा बेचैन हैं। ईडी के प्रेस नोट से पहले रमन सिंह का प्रेस नोट जारी हो जाता है। उसमें हुबहू वही बाते हैं जो बाद में ईडी के प्रवक्ता की ओर से आती हैं। तो क्या ईडी का उपयोग भाजपा कर रही है और रमन सिंह ईडी के प्रवक्ता हैं?
अडानी पर छापा क्यों नहीं पड़ता?
कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा ने कहा, केंद्र की भाजपा सरकार कांग्रेस पार्टी से इस कदर डर चुकी है। विपक्ष की आवाज उठने नहीं दे रहे हैं। जिन पर असली मायनो में रेड होना चाहिए उनके खिलाफ कोई आवाज न उठे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया गया। ये लोग किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं। उन्होंने कहा, अभी तो अडानी जैसे लोगों पर रेड मारने की जरूरत है जिसने दुनिया भर में हमारे देश को नीचा दिखाया है। इस सरकार में जिस तरह से जांच एजेंसिंयों का दुरुपयोग हो रहा है वह दुनिया देख रही है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, भाजपा शासित राज्यों में क्या भ्रष्टाचार की एक भी शिकायत नहीं है। वहां इन एजेंसियों का छापा क्यों नहीं पड़ता?

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