चीन से विवाद के बीच जोधपुर के आसमान में उड़ान भरेंगे भारत और फ्रांस के राफेल विमान
नई दिल्ली। चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत और फ्रांस के राफेल विमान अगले साल जनवरी में जोधपुर में वारगेम्स का हिस्सा बनेंगे। इस अभ्यास को स्काइरॉस (SKYROS) नाम दिया गया है। ये युद्ध खेल अगले साल जनवरी के तीसरे सप्ताह में आयोजित किए जाएंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सरकारी सूत्रों ने बताया कि ‘फ्रांस की एयरफोर्स के राफेल लड़ाकू विमान स्काईरॉस वारगेम्स के लिए जोधपुर आएंगे। ये भारतीय वायुसेना की 17वीं स्क्वाड्रन के राफेल विमानों और सुखोई 30एमकेआई विमानों के साथ उड़ान भरेंगे।उल्लेखनीय है कि यह भारतीय वायुसेना का पहला प्रमुख वारगेम होगा जिसमें राफेल लड़ाकू विमानों को शामिल किया जा रहा है। बता दें कि राफेल विमानों को वायु सेना की सेवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने अगस्त 2020 में शामिल किया था। सूत्रों ने बताया कि ये वारगेम, नियमित तौर पर होने वाली गरुड़ अभ्यास श्रृंखला से अलग हैं, जो दोनों देशों के बीच एक दशक से भी अधिक समय से आयोजित हो रही है। इससे पहले जुलाई 2019 में भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं ने बड़े अभ्यास में हिस्सा लिया था।
बता दें कि वायुसेना राफेल और सुखोई 30एस विमानों को इंटीग्रेट मोड में इस्तेमाल करने की योजना भी बना रही है। इस संबंध में वायु सेना की ओर से दिए गए निर्देशों को लेकर पहले ही कई कदम उठाए जा चुके हैं।राफेल और सुखोई-30एस विमानों को वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में तैनात किया है। वायु सेना ने ऐसा चीन की वायु सेना से मुकाबला करने के लिए किया है, जिसके लड़ाकू विमान लगातार भारत से नजदीकी एयर बेस से उड़ानें भरते रहते हैं।वायुसेना की क्षमताओं को बेहतर करने के लिए फ्रांस, भारत की मदद कर रहा है। भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए करीब 60 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया है। इस सौदे के तहत अंतिम विमान भारत को साल 2022 के अंत में मिलने की उम्मीद है।