चीन सीमा पर गरुड़ कमांडो तैनात

सेना को मिली एके-103,1 मिनट मे कर सकती 650 फायर, हर मामले मे एके-47 से आगे

नईदिल्ली। भारतीय वायुसेना की गरुड़ स्पेशल फोर्स LAC पर AK-103 राइफल के साथ मुस्तैद है। गरुड़ स्पेशल फोर्स को मई 2020 से स्पेशल ऑपरेशन के लिए चीन बॉर्डर पर ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनात किया गया।  बागपत का है। भारतीय वायु सेना ने अपनी स्पेशल फोर्स को अमेरिकी सिग सॉयर असॉल्ट राइफल जैसे हथियारों से भी लैस किया है। इनके पास गैलिल स्नाइपर राइफल्स, इजराइली टेवर राइफल और उनके कई वैरिएंट्स के साथ-साथ नेगेव लाइट मशीन गन भी हैं जो 800 से 1000 मीटर की रेंज से दुश्मन सैनिकों को मार गिरा सकती हैं।इसके अलावा AK-103 भी गरुड़ कमांडो को दी गई है, जिसका लेटेस्ट वर्जन AK-203 मेक इन इंडिया स्कीम के तहत भारत में ही बनाया जाएगा। गरुड़ कमांडो आतंकी हमले में इमरजेंसी रिस्पॉन्स फोर्स, एंटी हाईजैकिंग, होस्टेज रेस्क्यू, प्राकृतिक आपदाओं में सिविल ऐड, कॉम्बैट सर्च, टोही दल और एयर असॉल्ट के दौरान खास भूमिका निभाते हैं।

रक्त हाजिन का ऑपरेशन है फेमस
गरुड़ कमांडोज ने जम्मू-कश्मीर में रक्त हाजिन ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इसके लिए फोर्स ने नेगेव एलएमजी का इस्तेमाल किया था। इस दौरान गरुड़ टीम ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। इसी ऑपरेशन के लिए कॉर्पोरल ज्योति प्रकाश निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।

महिलाएं भी बनेंगी गरुड़ कमांडो
IAF की गरुड़ फोर्स में अब महिलाएं भी शामिल हो सकती हैं। हालांकि इस पर आधिकारिक फैसला नहीं आया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जेंडर इक्वैलिटी को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल यह फैसला लिया गया था, बशर्ते महिलाएं ट्रेनिंग के सभी मानदंडों को पूरा कर सकें। अभी तक इस फोर्स में सिर्फ पुरुष कमांडो ही होते हैं।

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