लॉकडाउन के दौरान ही बनाई गई रणनीति के हिसाब से काम कर रहा रेलवे
नई दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान बंद हुई ट्रेनों को नए रूप में पटरी पर लाने के लिए रेलवे ने जीरो बेस्ड टाइम टेबल बनाने का काम किया है। रेलवे ने ट्रेनों में बड़े बदलाव की तैयारी मार्च के आखिरी सप्ताह में लॉकडाउन लगने के साथ ही शुरू कर दी थी। रेलवे बोर्ड के कोचिंग डायरेक्टरेट अब तक 756 ट्रेनों में बदलाव के 56 आदेश जारी कर चुके हैं। इनमें 214 ट्रेनों को कुछ स्टेशनों के बीच रद्द किया गया तो 70 ट्रेनों को अब पटरी पर नहीं लाया जाएगा। ये सब आदेश नए टाइम टेबल से लागू हो जाएंगे। आने वाले दिनों में यह सूची और बड़ी हो सकती है। रेलवे में लंबे समय से घाटे को कम करने के प्रयास चल रहे थे। ऐसे में जब मार्च में पूरे देश में ट्रेनों को रोका गया तो रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को जीरो बेस्ड टाइम टेबल के तहत चार प्रमुख बदलाव की तैयारी करने को कहा और इसके प्रस्ताव भी मंगवाए। सभी जोन से आए प्रस्तावों पर चर्चा के बाद बोर्ड का कोचिंग डायरेक्टरेट आदेश जारी कर रहा है।
ये मंगवाये गये प्रस्ताव
रेलवे बोर्ड ने कम यात्री भार वाली ट्रेनों को सिस्टम से हटाना, जिन ट्रेनों को आगे स्टेशनों पर यात्री नहीं मिल रहे, उनको आंशिक रूप से रद्द करना, पैसेंजर ट्रेनों को मेल व एक्सप्रेस बनाकर किराया बढ़ाना और ट्रेनों के स्टॉपेज कम करने से जुड़े प्रस्ताव मंगवाए थे। रेलवे ने 161 ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित कर दिए हैं। 50 ट्रेनों के टर्मिनल स्टेशनों में बदलाव किया गया है। 145 ट्रेनों के फेरों, टाइम एक से दूसरी ट्रेन का लिंक हटाया गया है। 68 ट्रेनों का दूसरे स्टेशनों व रूट पर विस्तार किया गया है। दरअसलए 12 नई ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिनमें अधिकतर पैसेंजर ट्रेन होंगी। 20 ट्रेनों की स्पीड में बढ़ोतरी कर उन्हें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएगी। देश की राजधानी दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के छोटे व बड़े शहरों को जोडऩे वाली कम दूरी की 121 पैसेंजर ट्रेनों को उत्तर रेलवे ने बंद करने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। उत्तर रेलवे के मुताबिक इसके अलावा 16 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें भी बंद की जा सकती हैं।
घाटे वाले रूट पर रद्द होंगी ट्रेने, बढ़ेगा किराया
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