गोंगपा कार्यकर्ताओं के हमले में एएसपी और दर्जनों पुलिसकर्मी घायल
रानी दुर्गावती चौक मे जाम हटवाने की बात पर हिंसक हुआ प्रदर्शन, घंटों मचता रहा उत्पात
बांधवभूमि, मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के उमरिया जिला मुख्यालय मे मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर जानलेवा हमला कर दिया। इस वारदात मे एडिशनल एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया और कई पुलिस कर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। लहूलुहान एएएसपी और कर्मियों को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक दोपहर मे भारी तादाद मे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने रानी दुर्गावती चौक पर चक्का जाम कर दिया। जिससे शहपुरा, कटनी, सहित चारों तरफ का आवागमन बंद हो गया। इसी बीच एक एम्बुलेंस भी जाम में फंस गई। काफी देर तक रास्ते बंद होने से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए पुलिस कर्मियों ने गोंडवाना कार्यकर्ताओं को समझाईश देते हुए रोड से हटने के लिये कहा, परंतु उन्होंने सडक़ छोडऩे से इंकार कर दिया। कुछ ही समय बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह भी वहां पहुंचे। अभी बात चल ही रही थी कि विवाद बढऩे लगा और पुलिस तथा गोंगपा कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की होंने लगी। इस दौरान कुछ गोंगपाइयों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, तथा लाठियों से पुलिस पर हमला कर दिया।
चार अधिकारियों की हालत गंभीर
रानी दुर्गावती चौक पर हुई हिंसक झड़प मे गंभीर रूप से घायल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया, रामकृष्ण साहू, थाना प्रभारी चंदिया मंजू शर्मा तथा सिविल चौकी प्रभारी अमर बहादुर सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद जबलपुर रेफर किया गया है। इस घटना मे थाना प्रभारी नौरोजाबाद अरुणा द्विवेदी, आत्माराम मकवाना, राहुल साहू, अमित पटेल, प्रमोद पटेल, शैलेन्द्र सिंह, ब्रजेश सिंह, अशोक सिंह, रामसिंह, प्रभाकर सिंह, गुलाब सिंह, आशीष सिंह, वेद प्रकाश, गोपाल कचेर, ओमप्रकाश यादव, पीयूष गौतम, अवधेश सिंह, अशोक ठाकुर, सत्यदेव यादव सहित कई जवान शामिल हैं। इनमे से 4 की हालत गंभीर बताई गई है। इसी बीच शहडोल रेंज के एडीजी पुलिस डीसी सागर भी उमरिया पहुंचे। उन्होंने इस विषय मे अधिकारियों से चर्चा करने के साथ अस्पताल पहुंच कर घायल अधिकारी, कर्मचारियों से मुलाकात की।
सौंपा था प्रशासन को ज्ञापन
बताया जाता है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा जिले मे विगत कई दिनों से रैलियां निकाल कर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही पार्टी ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा था। कहा जाता है कि उन्ही मुद्दों पर कार्यवाही की मांग को लेकर आज फिर पार्टी के लोग उमरिया पहुंचे थे। थोड़ी ही देर मे कार्यकर्ताओं ने सरकार व प्रशासन पर मांगों का निराकरण और कार्यवाही न करने का आरोप लगाते हुए सडक़ पर जाम लगा दिया और प्रदर्शन करने लगे।
बलवा करने के मूड मे थे प्रदर्शनकारी
इस संबंध मे पुलिस के किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका है। हालांकि अस्पताल मे भर्ती पुलिसकर्मियों ने इस मामले मे सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि कई प्रदर्शनकारी नशे मे थे। उनकी बातों से ऐसा लग रहा था, जैसे कि वे शहर में बलवा करने की फिराक मे हैं। कुछ व्यापारियों ने बताया कि विवाद के बाद कई गोंगपाई बाजार से जब निकले तो उनके हाथों में चीप के टुकड़े और पत्थर थे।
किसी षड्यंत्र का शिकार तो नहीं हो रहे आदिवासी
यह पहला मौका है जब किसी राजनैतिक पार्टी के लोगों ने ऐसी घटना को अंजाम दिया है। आमतौर पर जिले का आदिवासी समाज बेहद सौम्य, सरल और शांत माना जाता है। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने पुलिस पर हमले जैसा गंभीर कदम उठा लिया। सोशल मीडिया पर इस घटना के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिनमे कुछ युवक एक पुलिस कर्मी को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे हैं। इसी के बीच लोग गालियां देते हुए तथा कोई नहीं बचेगा, चिल्लाते सुने जा रहे हैं। यह परिपाटी उमरिया जिले की तो कतई नहीं है। यह भी कहा जा रहा कि प्रदर्शनकारियों में कई नए चेहरे भी थे। कहीं ऐसा तो नहीं कि जिले के बेरोजगार आदिवासी युवा किसी के बहकावे अथवा लालच मे आकर षड्यंत्र का शिकार हो रहे हैं। कुल मिला कर इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच और पड़ताल सभी एंगल से किये जाने की जरूरत है।