गैस, पेट्रोल के बाद अब तेल मे लगी आाग
राई का तेल हुआ पचास रूपये मंहगा, चाय की पत्ती मे 120 रूपये की तेजी
उमरिया। मंहगाई की रफ्तार अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। घरेलू गैस, पेट्रोल और डीजल के बाद कुकिंग आईल के दामों मे एकाएक हुई बढ़ोत्तरी ने आम आदमी का बजट बिगाड़ कर रख दिया है। बीते कुछ दिनो के भीतर ही राई के तेल मे 50 रूपये प्रति लीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, यही हाल सभी कम्पनियों के रिफाईन तेलों का है। वहीं मंहगाई ने चाय की प्याली मे उफान ला दिया है। बताया जाता है कि चाय की पत्ती मे करीब 80 प्रतिशत की तेजी आई है। कुछ दिन पहले तक जो चाय 180 रूपये किलो बिक रही थी, वह उछल कर 300 रूपये के पार जा पहुंची है। कुल मिला कर खाने-पीने की वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों ने कोरोना तथा अन्य आपदाओं के कारण आर्थिक तंगी से गुजर रहे गरीब और मध्यम वर्ग के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैंं। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के दौरान जहां पेट्रोल और डीजल के दामो मे 10 से 15 रूपये का इजाफा हुआ है वहीं घरेलू गैस सिलेण्डर पर मिलने वाली सब्सिडी 191 रूपये से घटा कर 5 रूपये 4 पैसे कर दी गई है।
सादा का जीवन भी हुआ मुहाल
एक जमाने मे दाल-रोटी खाओ, प्रभु के गुन गाओ की कहावत सादगी का जीवन व्यतीत करने के मुहावरे के रूप मे कही जाती थी, परंतु दाल की कीमतों ने इसके अर्थ को ही बदल कर रख दिया है। कई वर्षो तक आम-आदमी के लिये सस्ता और पौष्टिक आहार रही दाल के दाम ऐसे बढ़े कि लोगों के लिये इसे खरीदना ही मुश्किल हो गया। एक समय तो यह चिकन से भी ज्यादा कीमती हो गईथी। हलांकि इन दिनो दाल के दाम कुछ कम हुए हैं, लेकिन कई वस्तुएं हांथ से बाहर निकल चुकी हैं।
बिजली भी देगी झटका
केवल खाद्य सामग्री ही नहीं बिजली के दामो मे लगातार इजाफा हो रहा है। जानकारी मिली है कि विद्युत कम्पनी ने फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट के जरिए दाम बढ़ाने के फैंसले को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत जनवरी से प्रति यूनिट एक पैसा अतिरिक्त देना होगा। अभी हर माह 11 पैसे प्रति यूनिट एफसीए लागू था, जो एक पैसा बढ़कर 12 पैसे हो गया है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने 13 पैसे प्रति यूनिट पर एफसीए लागू करने का प्रस्ताव मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेजा था, जहां से 12 पैसे की मंजूरी दी गई है।
जनवरी से आयेंगे बढ़े हुए बिल
सूत्रों के मुताबिक जनवरी माह का जो बिल जारी होगा, उसमें बिजली के दाम बढ़े रहेंगे। बिजली कंपनी ने हाल ही में दो फीसद औसत बिजली के दाम में बढ़ोतरी की हुई है। जिसके बाद से प्रति यूनिट बिजली के दाम 8 से 15 पैसे तक बढ़ गए हैं। इसके अलावा लोड मे भी दाम बढ़ाये गये हैं। ग्रामीण इलाकों के मीटर लोड मे भी एक-एक रु पये बढ़ाया गया है।