गैंगरेप पर हाथरस से दिल्ली तक गुस्सा

प्रियंका गांधी ने वाल्मीकि मंदिर मे प्रार्थना की, हाथरस मे विपक्ष और मीडिया को रोका
हाथरस। हाथरस गैंगरेप केस में दिल्ली से लेकर पीडि़त लड़की के गांव तक हंगामा और राजनीति जारी है। दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में पीडि़त के लिए एक प्रार्थना सभा की गई। इसमें कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। इस मौके पर प्रियंका ने कहा, दुख की घड़ी में पीडि़त का परिवार अकेला है। हमारी बहन के साथ न्याय होना चाहिए। हमें अन्याय के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई तेज करनी होगी। मैं प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए यहां आई हूं। इस बीच, इस घटना के विरोध में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया गया। यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि दोषियों को जल्द फांसी हो। इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मुंबई या दिल्ली में ऐसी घटना क्यों होनी चाहिए? देश में रेप की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उधर, पीडि़त लड़की के बुलगढ़ी गांव में भी हंगामा हुआ। पुलिस न तो विपक्षी नेताओं को पीडि़त परिवार से मिलने दे रही और न ही मीडिया को एंट्री दी जा रही। गांव की सीमाओं पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे हैं।
सीबीआई जांच की मांग
एक वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पीडि़त परिवार से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। आप सरकार की बात मान लीजिए। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। मृतक लड़की के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा, हमें मीडिया वालों से नहीं मिलने दे रहे। घर से निकलने पर भी १० तरह के सवाल किए जा रहे हैं। परिवार का एक बच्चा किसी तरह बाहर निकलकर आया और मीडिया को बताया कि सभी के फोन छीन लिए गए हैं। बच्चे ने कहा कि घरवाले आपसे मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक रखा है। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को भी वहां से भगा दिया।
पुलिस ने तृणमूल सांसद को धक्का देकर गिराया
इससे पहले तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीडि़त के गांव में जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया। ब्रायन के साथ तृणमूल की २ महिला सांसद और एक पूर्व सांसद गैंगरेप पीडि़त के परिवार से मिलना चाहते थे। इस डेलिगेशन में शामिल पार्टी की पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकॢमयों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं। फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ। यह शर्म की बात है।
किया जा रहा अपराधियों जैसा सलूक
उधर, पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-१४४ लगाने के साथ ही पीडि़त के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है।
संबंधित पुलिसकर्मियों का होगा नार्को टेस्ट
हाथरस कांड पर चौतरफा घिरी योगी सरकार ने वहां केएसपी, डीएसपी व इंस्पेक्टर निलंबित को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा संबंधित पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट भी किया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।हालांकि इस बात की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि डीएम प्रवीण कुमार और एसपी विक्रांत वीर पर कार्रवाई हो सकती है और हुआ भी ऐसा ही। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में बीते दिन के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। जिला व पुलिस प्रशासन की भूमिका के बारे में पूरा ब्योरा मांगा गया है। इस बीच हाथरस कांड पर सीएम योगी ने शुक्रवार ने ट्वीट करके कहा- ‘उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा। यह हमारा संकल्प है-वचन है।

 

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